नगर पालिका व पंचायत क्षेत्र में पड़े 4541 वोट हुए खारिज, इनका भी हार-जीत पर पड़ा है असर
बैलट पेपर के चुनाव में रद्द होते वोट
गलत तरीके से वोट डालने होता है नुकसान
हार जीत पर पड़ता है रद्द वोटों का असर
देखिए चंदौली जिले के आंकड़े
चंदौली जिले की तीन नगर पंचायतों और एक नगर पालिका परिषद की मतगणना के दौरान एक बड़ी बात उभर कर सामने आई है, जिस पर चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों को ध्यान देना होगा, नहीं तो बैलेट पेपर से होने वाले मतदान और आने वाले अन्य चुनाव में उनको इस तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। चंदौली जिले की मतगणना के परिणाम को अगर ध्यान से देखा जाए तो सभी जगहों पर एक खास बात उभरकर सामने आई है। हर जगह उम्मीदवारों को दिए गए सैकड़ों मत खारिज हुए हैं। नगर पालिका व पंचायत क्षेत्र में पड़े कुल 4541 मत अवैध होने से कई लोगों को समीकरण गड़बड़ हो गया है।
पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर पालिका परिषद के मतदान में खारिज मतों की संख्या 2986 तक पहुंच गई थी, जिससे हार जीत के फैसले में एक बड़ा अंतर हो गया और यही मत पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर पालिका परिषद में मतगणना के परिणाम में देरी और बवाल का कारण बने। भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार को और उनके समर्थकों को इस बात का अंदेशा हो गया कि अगर खारिज किए गए और रद्द किए गए मतों की संख्या 2986 है और अगर इसकी रिकाउंटिंग करा कर कुछ मत अपने पाले में कर लिए जाएं तो वह नगर पालिका का चुनाव जीत सकते हैं, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। दोबारा हुयी मतगणना से भी बहुत अधिक फर्क नहीं पड़ा।
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अगर आप जनपद की सभी नगर निकाय की सीटों के मतदान को देखेंगे तो आपको यह पता चलेगा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर पालिका परिषद में कुल 61,888 वोट पड़े थे, जिसमें से 2986 वोट रद्द हो गए। वहीं केवल 58,902 मत ही वैध पाए गए। ये रद्द वोट अगर हारने या जीतने वाले उम्मीदवारों को पड़ते तो परिणाम बदल भी सकता था।
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अगर चंदौली नगर पंचायत के मतगणना के परिणाम को देखा जाए तो यहां पर भी कुल 13,915 वोट पड़े थे, जिसमें केवल 13,274 वोट ही सही तरीके से पड़े। यहां भी 641 वोटों को रद्द करना पड़ा, क्योंकि यह सही तरीके से किसी एक उम्मीदवार के पक्ष में नहीं डाले गए थे।
वहीं अगर चकिया नगर पंचायत के मतगणना के परिणाम को देखा जाए तो यहां पर फुल 9983 वोट पड़े थे, जबकि 9477 एक ही वैध पाए गए। यहां पर भी 568 वोट खारिज कर दिए गए, क्योंकि ये वोट गलत तरीके से डाले गए थे या किसी एक उम्मीदवार को सही तरीके से वोट नहीं दिया गया था।
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वहीं सैयदराजा नगर पंचायत के आंकड़ों को देखा जाए, तो यहां पर कुल 10,930 वोट पड़े थे, जिसमें मान्य वोटों की संख्या केवल 10,522 थी। यहां पर भी 408 वोट खारिज करके रद्द कर दिए गए।
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इस तरह से देखा जाए तो नगर पालिका व पंचायत क्षेत्र में पड़े कुल 4541 मत अवैध हो गए।यह वोटों की एक बड़ी संख्या है और ये अवैध मत उस इलाके के हैं, जहां पर ग्रामीण इलाकों के अपेक्षा अधिक जागरूक और पढ़े-लिखे मतदाता होने की उम्मीद की जाती है। ऐसे में चुनाव लड़ने वाले और जिला प्रशासन के लोगों की एक और जिम्मेदारी बनती है कि वह मतदाताओं को सही तरीके से मतदान करने की प्रक्रिया भी समझाने और बताने की कोशिश करें।