चंदौली जिले में घट रहे हैं पर्यटक, कौन करेगा इसकी चिंता, देख लीजिए पिछले साल के आंकड़े
 

हमेशा गुलजार रहने वाले पर्यटन स्थल पर पानी की कमी की वजह से 2023 में सुनसान पड़े रहे। हालांकि नये वर्ष पर पर्यटकों की संख्या बढ़ने की उम्मीद है। लेकिन सरकारी अफसरों को इसके बारे में नए सिरे से सोचना होगा।
 

वन विभाग के अफसर दे रहे दलील

सरकार बनाना चाह रही पर्यटन हब

करोड़ों रुपए खर्च करने का है प्लान

स्काई वाक की योजना को रद्द कर चुका है वन विभाग

चंदौली के सर्वाधिक लोकप्रिय राजदरी-देवदरी जलप्रपात पर भले ही सरकार व जिले के अफसरों का फोकस व हो और वे जिले में पर्यटन सुविधाओं को बढाकर यहां घूमने फिरने वाले लोगों को जिले में आकृष्ट करने की कोशिश कर रहे हैं।  पर्यटक स्थलों पर आने वाले पर्यटकों की संख्या पिछले साल की अपेक्षा काफी घटने से इनके चेहरे पर शिकन भी दिखनी चाहिए।

जानकारी में बताया जा रहा है कि पिछले वर्ष नवंबर माह के सापेक्ष इस बार नवंबर तक 38 हजार 27 पर्यटक कम हुए हैं। वहीं इन पर्यटकों से वन विभाग को मिलने वाला शुल्क भी 19 लाख एक हजार 350 रुपये कम हुआ है।

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हमेशा गुलजार रहने वाले पर्यटन स्थल पर पानी की कमी की वजह से 2023 में सुनसान पड़े रहे। हालांकि नये वर्ष पर पर्यटकों की संख्या बढ़ने की उम्मीद है। लेकिन सरकारी अफसरों को इसके बारे में नए सिरे से सोचना होगा। क्योंकि स्काई वॉक की योजना को वन विभाग अपनी दलील देकर रद्द कर चुका है।

प्रदेश का आकांक्षात्मक जिला चंदौली धान के कटोरे के रूप में प्रसिद्ध है। इसके साथ ही चंदौली अपने प्राकृतिक सुंदरता के लिए भी जाना जाता है। चकिया और नौगढ़ के वनांचल क्षेत्र में आधा दर्जन जलप्रपात और पर्यटन स्थल हमेशा से पर्यटकों को लुभाते रहे हैं। चंदौली की हरीतिमा के चुंबकीय आकर्षण से सात समंदर पार के भी सैलानी खींचे चले आते हैं। लेकिन 2023 का वर्ष चंदौली पर्यटन के लिए उतना ठीक नहीं रहा। चंदौली में ज्यादातर पर्यटक यहां के राजदरी,देवदरी,औरवाटाड़, छानपातर दरी जलप्रपात देखने आते हैं लेकिन इस वर्ष बारिश कम होने से जलप्रपात काफी समय तक सूखे रहे। यहीं नहीं 50 वर्षों में पहली बार बृहद चंद्रप्रभा बांध का पानी भी सूख गया था। जिसकी वजह से पर्यटकों की संख्या में कमी देखी गई।

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चंद्रप्रभा वन्य अभयारण्य में प्रवेश शुल्क प्रतिव्यक्ति 50 रुपये लिया जाता है। मार्च 2022 से मार्च 2023 तक चंदौली के चकिया स्थित राजदरी-देवदरी जलप्रपात और चंद्रप्रभा वन अभयारण्य देखने आने वाले पर्यटकों की संख्या लगभग 13 लाख 703 रही। जिनसे कुल 65 लाख 35 हजार 150 रुपये के करीब वसूली हुई। इसके आधार पर वर्ष 2022 के नवंबर तक कुल 98 हजार 27 पर्यटक आए और उनसे 49 लाख एक सौ 350 रुपये वसूली हुई। लेकिन वर्ष 2023 में नवंबर तक जिले में कुल 60 हजार ही पर्यटक आ पाए जिनमे 30 लाख रुपये की वसूली हुई। ऐसे में पिछले साल के सापेक्ष इस साल नवंबर तक 38 हजार 27 पर्यटक कम आए और शुल्क में 19 लाख एक हजार 350 रुपये के करीब कम हुए।


नए साल पर ऐसी है उम्मीद
चंदौली में भले इस वर्ष पर्यटकों की संख्या काफी कम हुई हो पर नए साल में पर्यटक बढ़ने की उम्मीद बतायी जा रही है। पिछले वर्ष एक जनवरी 2023 मात्र एक दिन में 4515 पर्यटक आए थे, जिनसे दो लाख 25 हजार 750 रुपये शुल्क प्राप्त हुआ था। विभाग के अधिकारियों का कहना है नववर्ष, स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर पर्यटकों की भीड़ जुटती है। ऐसे में इस बार नववर्ष पर भी पर्यटकों के ज्यादा आने की संभावना है।

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जिले के पर्यटन स्थलों के विकास के लिए शासन और प्रशासन पूरी तरह से जुटा हुआ है। जिले के पर्यटन स्थलों का लगातार विकास हो रहा है। फिलहाल वर्षों से उपेक्षित पड़े नौगढ़ के औरवाटाड़ जलप्रपात और छानपातर दरी का दो-दो करोड़ से विकास किया जा रहा है। औरवाटाड़ जलप्रपात का भव्य गेट बनने के साथ ही यहां एडवेंचर गेम के लिए निर्माण हो रहा है। जो सैलानियों को काफी आकर्षित करेगा। बच्चों के लिए भी यहां 10 से ज्यादा एडवेंचर गेम बनाए जा रहे हैं। संवाद

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पर्यटन का हब बनाने का है सपना
चंदौली में एक वर्ष पूर्व एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि चंदौली को पर्यटन का हब बनाया जाएगा। इसके बाद सांसद डॉ.महेंद्रनाथ पांडेय ने भी कई पर्यटन स्थलों के विकास के लिए कई केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात की। जिसके बाद जिले के पर्यटक स्थलों का विकास शुरू हुआ। कई जगहों पर अभी काम चल रहा है। वहीं बहुदेश्याीय हब की भी योजना पर काम चल रहा है। जल्द ही यहां पर्यटकों को सभी सुविधाएं मिलेंगी।संवाद


चंदौली के प्रमुख पर्यटक स्थल-

-राजदरी जलप्रपात
-देवदरी जलप्रपात
-औरवाताड़ जलप्रपात
-छानपातर दरी
-चंद्रप्रभा बांध
-लतीफशाह बांध
-मूसाखांड बांध
-नौगढ़ बांध
-चंद्रकांता किला
-भैंसौड़ा बांध
-बाबा कीनाराम आश्रम
-जागेश्वर धाम
-कालेश्वर धाम
-हेमितपुर का किला
-पं. दीनदयाल उपाध्याय स्मृति उपवन
-कोइलरवा हनुमान मंदिर

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वन क्षेत्राधिकारी  रणवीर मिश्र का दावा है कि पर्यटक स्थलों और जलप्रपात पर पर्यटकों के लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। इस वर्ष काफी कम बरसात हुई। कभी न सूखने वाला चंद्रप्रभा बांध भी सूख गया। राजदरी, देवदरी, औवरवाटाड़ जलप्रपात में भी पानी नहीं आ रहा है। पर्यटक चंदौली में जलप्रपात ही देखने आते हैं। इसकी वजह पर्यटकों की संख्या कम हुई है।