पर्यटकों को रिझाने के लिए चल रहा काम, चंदौली में एडवेंचर गेम व रॉक क्लाइम्बिंग का मिलेगा मौका
चंदौली जिले के जिलाधिकारी कर रहे मॉनिटर
नक्सल क्षेत्र स्थानीय लोगों की आय बढ़ाने की पहल
जिले में पर्यटन को बढ़ाने की कोशिश
2 करोड़ की लागत से बढ़ायी जा रही हैं सुविधाएं
चंदौली जिले में योगी सरकार की इको टूरिज्म के विकास के लिए आकांक्षी जिले में सभी संभावनाओं को तलाश रही है और कई योजनाओं पर तेजी से काम चल रहा है। धान का कटोरा कहे जाने वाले चंदौली जिले की वादियां प्राकृतिक सौंदर्य के लिए भी जानी जाती हैं, लेकिन उसे पर्यटन के मानचित्र पर जगह नहीं मिलने से यहां पर पर्यटन के लिए दूर दराज के लोग नहीं आते हैं। अब सरकार व जिला प्रशासन इसके लिए पहल करने जा रहा है।
बताया जा रहा है चंदौली जिले का नौगढ़ क्षेत्र अनेक प्राकृतिक वाटरफॉल, फाउंटेन, ऐतिहासिक रॉक पेंटिंग और प्राकृतिक सौंदर्य के खजाने से भरा पड़ा है। ये सब चीजें पर्यटन की दृष्टि से काफी महत्पूर्ण हैं। पूर्ववर्ती सरकारों की उपेक्षा से प्रकृति का ये अनमोल खजाना जंगल में वर्षों से गुम पड़ा हुआ है, जिससे लोग इसके सौंदर्य का आनंद नहीं ले पा रहे थे। इसके लिए सरकार लगातार इस क्षेत्र को टूरिज्म के रूप में विकसित करने का कार्य कर रही है।
फिलहाल इसी क्रम में औरवाटांड़ को दो करोड़ रुपये की लागत से इको टूरिज्म के रूप में विकसित किया जा रहा है, ताकि पर्यटन के लिए एक अवसर पैदा किया जाए और लोगों को ए़डवेंचर के लिए आमंत्रित किया जाय।
जिले के जिलाधिकारी निखिल टीकाराम फुंडे ने बताया कि तीन तरफ से प्राकृतिक रूप से घिरा और लगभग 200 फीट से गिरने वाला वाटरफॉल के आस पास दुर्लभ प्रागैतिहासिक शैल चित्र हैं। इस क्षेत्र को पर्यावरण के अनुकूल स्थानीय उत्पाद और तकनिकी से पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित किया जा रहा है। जिससे स्थानीय लोगों की आय बढ़ेगी और जिले में पर्यटन भी बढ़ेगा।
जिलाधिकारी निखिल टीकाराम फुंडे ने बताया कि उन्होंने मौके पर जाकर निरीक्षण किया था और कार्यदायी संस्था को गुणवत्ता पूर्ण ढंग से समयबद्ध कार्य करने का निर्देश दिया था, जिससे प्राकृतिक सौंदर्य देखने के साथ ही नेचर फोटोग्राफी के लिए मचान, पर्यटकों के एडवेंचर गेम के लिए रॉक क्लाइम्बिंग, जिप लाइन, लो रोप कोर्स, कमांडो नेट वाल, टायर नेटवाल आदि के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। जिसमें स्थानीय मटेरियल और तकनीकी का प्रयोग करके प्रशासनिक भवन, स्थानीय पत्थरों से भव्य औरवाताड़ प्रवेश द्वार का निर्माण, स्थानीय उत्पादों की बिक्री के लिए बांस से बनी दुकानें, प्राकृतिक लकड़ी सागौन से वुड रेलिंग, पार्किंग, क्षेत्र की पूरी जानकारी के साथ साइनेज, सैंड स्टोन से बने बेंचेज और क्षेत्र की खूबसूरती बढ़ाने के लिए लैंडस्केपिंग का निर्माण किया जा रहा है।
इससे इलाके में लोगों का आना जाना बढ़ेगा तो चंदौली जिले की पहचान पर्यटन के लिए बढ़ेगी। इससे स्थानीय लोगों का फायदा होने के साथ-साथ जिले की एक अलग पहचान बनेगी।
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