संवत 2081 में विवाह के 73 लग्न, आज से गूंजेगी शहनाई
18 से 26 अप्रैल तक नौ दिनों तक मांगलिक मुहूर्त
बृहस्पति व शुक्र के अस्त होने से मई-जून में नहीं गूंजेगी शहनाई
साल भर में मिलेंगे फेरे लेने के लिए केवल 73 दिन
जानिए कब-कब मिलेगा मौका
इस महीने में भी लगातार नौ दिनों तक विवाह मुहूर्त मिलेंगे। अबकी शादी-विवाह के कारक ग्रह शुक्र व बृहस्पति के अस्त होने से इस साल मई-जून में सन्नाटा रहेगा। जुलाई - में सात लगन के बाद चातुर्मास के कारण चार माह इंतजार करना होगा। खास यह कि जनवरी से मार्च तक दो माह में 40 लगन मिलेगी।
आपको बता दें कि ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि सूर्यदेव के 14 मार्च को दिन में 3.12 बजे कुंभ से मीन राशि में प्रवेश के साथ खरमास लग गया था। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा नौ अप्रैल को नवसंवत्सर 2081 का आरंभ हुआ और 13 अप्रैल को रात 11.17 बजे सूर्यदेव के मीन से मेष राशि में संचरण के साथ खरमास का समापन हो गया। शादी-विवाह के कारक ग्रह शुक्र की कमजोर स्थिति के कारण मांगलिक कार्यों के लिए लग्न मुहूर्त का इंतजार करना पड़ा।
मई-जून में विवाह के मुहूर्त नहीं
अब वैशाख कृष्ण षष्ठी सोमवार 29 अप्रैल को शुक्र पूर्व में तो वैशाख कृष्ण द्वादशी सोमवार 5 मई को देवगुरु बृहस्पति पश्चिम में अस्त हो जाएंगे। इससे इस वर्ष मई-जून में विवाहादि के मुहूर्त नहीं मिलेंगे। बृहस्पति का उदय ज्येष्ठ कृष्ण द्वादशी सोमवार तीन जून को होगा, लेकिन शुक्र अस्त ही रहेंगे। शुक्रोदय आषाढ़ कृष्ण सप्तमी 28 जून को शाम 5.06 बजे होगा। शुक्र का बालत्व एक जुलाई को समाप्त होगा। उसके बाद नौ जुलाई से लगन-मुहूर्त प्रारंभ होंगे।
बताते चलें कि आषाढ़ शुक्ल एकादशी 17 जुलाई से चातुर्मास लग जाएगा। इससे चार माह तक मांगलिक कार्यों पर विराम रहेगा। कार्तिक शुक्ल एकादशी पर 12 नवंबर को चातुर्मास समाप्त होगा और मांगलिक कार्य शुरू होंगे। इस दौरान नवबंर-दिसंबर में 17 लगन है।
कई मुहूर्त के बाद 16 दिसंबर को सूर्यदेव वृश्चिक राशि से प्रातः 7.39 बजे धनु राशि में जाएंगे और खरमास लग जाएगा। समापन 14 जनवरी, 2025 को सूर्यदेव के धनु से मकर में प्रवेश के साथ होगा और इसके बाद 15 जनवरी से 14 मार्च तक 40 लग्न की तिथियां मिलेंगी। उसके बाद मार्च में खरमास लगने के बाद नए संवत 2082 में विवाह आदि होंगे।
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