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बारिश में बच्चों की सेहत का रखे विशेष ध्यान, सर्दी-जुकाम, दस्‍त होने पर कराएं इलाज

राजकीय महिला चिकित्सालय के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. राजेश अगरिया का कहना है कि ऐसे समय में माता पिता को खास बातों का ध्यान देना आवश्यक होता है।
 

बारिश का मौसम आते ही बच्चे बेहद खुश

माता पिता को खास बातों का ध्यान देना आवश्यक


बारिश का मौसम आते ही बच्चे भी बेहद खुश हो जाते हैं। बरिश में भीगते हुए खेलने में उन्हें मजा आता है। नतीजा होता है कि बारिश में भीगने से वह बीमार हो जाते हैं। लिहाजा बारिश के दिनों में बच्चों की सेहत और खान-पान पर विशेष ध्यान देना चाहिए। राजकीय महिला चिकित्सालय के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. राजेश अगरिया का कहना है कि ऐसे समय में माता पिता को खास बातों का ध्यान देना आवश्यक होता है।

इस मौके पर उन्होंने बताया कि मॉनसून के मौसम में बदलाव होने से कई तरह की बीमारियों की आशंका बनी रहती है। ऐसे में जुलाई माह में अभी तक  इससे सम्बंधित 250 बच्चों का इलाज किया गया है। साथ ही कुछ बच्चों को जिला चिकित्सालय रेफर किया गया।  

राजकीय चिकित्सालय में 5 वर्षीय राहुल का इलाज कराने आयी महिला ने बताया कि राहुल दो–तीन दिन बारिश में भींग गया था। साथ ही बाहर का सामान भी कुछ खा लिया था। जिसके बाद इसे दो–तीन उल्टी हुई । चिकित्सालय लेकर गई, डॉक्टर ने बताया कि इसे डायरिया हो गया है। दवा के साथ इसके खानपान पर भी ध्यान रखने से ठीक हो पाएगा। 

वहीं  7 वर्षीय राजू की माता ने बताया कि कभी बारिश तो कभी धूप के इस मौसम में  स्कूल से आते समय राजू भीग गया था,  जिससे उसे दस्त और बुखार की समस्या हो गयी थी। चिकित्सालय में उसके खून कि जांच हुई तो पता चला कि उसे निमोनिया हो गया है। डॉक्टर ने दवा देने के साथ ही खाने-पीने में परहेज और साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने की सलाह दी है।

 डॉ राजेश ने बताया कि मॉनसून के मौसम में होने वाली बीमारियों जैसे - सर्दी-जुकाम, दस्‍त, पीलिया, मलेरिया आदि का खतरा अधिक रहता है। इस मौसम में डायरिया से पीड़ित बच्चे ज्यादा आते हैं। लिहाजा इस मौसम में बच्चों को बाहरी खान–पान से दूर रखना ही उनके स्वस्थ के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। 

इन चीजों से करें परहेज 

अधिक तेल वाले सामान जैसे पापड़ व अचार आदि का बारिश में सेवन करना सही नहीं होता है, क्योंकि यह पाचन तंत्र को धीमा कर देता है। मानसून के दौरान डाइजेशन अच्छा होना बहुत जरूरी है। 

बारिश में आम बच्चों को नहीं खिलाना चाहिए, क्योंकि इस मौसम में इसके सेवन से मुँहासे, त्वचा की समस्याओं और पाचन संबंधी समस्याओं उत्पन्न होती हैं। बच्चा पहले से ही त्वचा और पाचन समस्याओं से परेशान है तो इसके सेवन से खतरा और ज्यादा  बढ़ जाता है।

दही में शीतल गुण होते हैं, जो इसे मानसून के मौसम में सेवन करने के लिए उपयुक्त नहीं है, क्योंकि इस मौसम में बच्चों को सर्दी लगने की संभावना बहुत ज्यादा होती है। लस्सी और अन्य दही उत्पादों से दूर रहें तो बेहतर होगा।  

बारिश के मौसम में पानी-पूरी, चाट जैसे खाद्य पदार्थों से परहेज करना चाहिए। जितना हो सके, बाहर के खाने से बचें, क्योंकि यह चीजों को पहले से तैयार कर रखते है। बारिश के मौसम में पैदा होने वाले कीटाणुओं, वायरस और बैक्टीरिया के कारण दूषित हो जाते हैं, जिसका सेवन करना बहुत खतरनाक हो सकता है। 

बच्चों के भोजन में इन्हें करें शामिल-  

रात में सोने से पहले बच्चे को हल्दी वाला दूध दें, यह किसी भी इंफेक्शन से उसे लड़ने में मदद करेगा। 

मौसमी फल बरसात के मौसम में आने वाले फल एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं। बच्चों को किसी भी बीमारी से लड़ने में मदद करते हैं। जामुन, लीची, चेरी, आड़ू और आलू-बुखारा.. विटामिन से भरपूर होते हैं जिससे बच्चे के शरीर को किसी भी इंफेक्शन से बचाने में मदद करता है।

दाल खाद्य पदार्थों में से एक है जो बच्चे को किसी भी तरह के मौसमी इंफेक्शन से लड़ने में मदद करता  है। अगर बच्चा पहले से ही फ्लू से पीड़ित है, तो उसे खिचड़ी और दाल का सूप पिलाने की कोशिश करें, क्योंकि इससे उसे तेजी से ठीक होने में मदद मिलेगी। 

बच्चों को हमेशा ताजा और स्वच्छ पानी जरूर देते रहें, क्योंकि पानी में शरीर के लिए बहुत जरूरी मिनरल्स पाए जाते हैं। यह बच्चे को मजबूत बनाता है और उसे कीटाणुओं, बैक्टीरिया और वायरस से लड़ने में सक्षम बनता है।

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