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अघोरेश्वर पीठाधीश्वर ने अघोरेश्वर लीलामृत पुस्तक का किया विमोचन

 इस पुस्तक में पीठाधीश्वर जी ने बताया कि अघोरेश्वर लीलामृत पुस्तक के लेखक श्याम नारायण पांडे हैं । जो काशी के रहने वाले हैं । उन्हीं के प्रेरणा से बाबा जी के 1956 से लेकर 1992 तक साक्षात जीवन के सभी घटनाओं का इस पुस्तक में  का वर्णन किया गया  हैं ।
 

रामगढ़ मठ के पीठाधीश्वर सिद्धार्थ गौतम रामजी ने किया विमोचन

वाराणसी क्रीं कुंड पर पुस्तक का विमोचन

बाबा की कई घटनाओं को किया गया है जिक्र

चंदौली जिले के बाबा कीनाराम के जन्मस्थली रामगढ़ स्थित रामशिला मठ व क्रींकुण्ड के  पीठाधीश्वर श्री परम पूज्य अघोरेश्वर सिद्धार्थ गौतम राम जी के कर कमलों द्वारा वाराणसी क्रीं कुंड में लीलामृत पुस्तक का विमोचन किया गया।

बताया जा रहा है कि भगवान राम अवधूत सरकार जी के जीवन से लेकर महानिर्वाण के दिन तक चमत्कार, चमत्कारी जीवन का साक्षात आंखों देखा हुआ कि कई घटनाओं का इस पुस्तक में वर्णन किया गया है, जिसमें भगवान अवधूत सरकार जी के चमत्कारी रूप से प्रकट हुए परमपूज्य अघोरेश्वर पीठाधीश्वर सिद्धार्थ गौतम राम जी के बाल रूप में साक्षात सरकार जी ने ही धरातल पर प्रकट किया और जिन्हें अघोराचार्य बाबा कीनाराम जी का 11 वां अवतार माना गया।

बाबा कीनाराम जी ने जो भविष्यवाणी की थी और यही हुआ आज साक्षात् भविष्यवाणी के अनुसार  11 वें पीठाधीश्वर के रूप में उनके सिंहासन पर उनकी गद्दी पर अगर कोई अवतारी पुरुष बैठे तो साक्षात बाबा कीनाराम जी के अवतार परमपूज्य  अघोरेश्वर पीठाधीश्वर सिद्धार्थ गौतम राम जी ही बैठे थे।

Aghoreshwar Peethadhishwar

 इस पुस्तक में पीठाधीश्वर जी ने बताया कि अघोरेश्वर लीलामृत पुस्तक के लेखक श्याम नारायण पांडे हैं । जो काशी के रहने वाले हैं । उन्हीं के प्रेरणा से बाबा जी के 1956 से लेकर 1992 तक साक्षात जीवन के सभी घटनाओं का इस पुस्तक में  का वर्णन किया गया  हैं ।

एक घटना है कि बनारस का सबसे बड़ा गुंडा जो एक बार बाबा के आश्रम पर पहुंचा और देखा वहां बड़े-बड़े लोग वहां बैठे हैं। तो वहां पर वह लूट की इरादे से घोड़े पर बैठकर तलवार लेकर बाबा के आश्रम में लूटने के लिए इरादे से पहुंचा और जब वहां पहुंचा तो वहां बैठा ही रह गया और उसको बैठे कई महीना बीत गए और वह रोने लगा और उसकी ऐसी अनुभूति हुई और वहीं बाबा के आश्रम में ही सेवक  बनकर सेवा भाव करने लगा ।

इसी तरह एक घटना है इस पुस्तक में जिक्र है जो विंध्याचल आश्रम की है, जहां पर अवधूत भगवान राम जी सरकार द्वारा किये चमत्कार का भी वर्णन है। वहां पर एक बहुत बड़ा अकोड़ी गांव का डकैत था । उसके ऊपर काफी मुकदमा था । एक बार अवधूत भगवान राम सरकार जी अपने पीठ पर बैठाकर दो-तीन जगह ले गया और जब आप  उसके पीठ से उतरे तो बोले की जा अब तो तोर कल्याण हो जाई और उस डकैत के ऊपर लगे उसके सभी मुकदमों से वह बरी हो गया और बाबा का सेवादार बन गया।

 सरकार भगवान राम अवधूत जी जब एक बार 1964 प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू जी से मिलने गए थे और उन सरकार जी के साथ में रहने वाले लोगों ने उन्हें कुष्ठ रोग आश्रम पर आने के लिए आमंत्रण दिए तो और सरकार जी के साथी ने बाबा से बताया कि हम लोगों ने पंडित जवाहरलाल नेहरू जी को आने का निमंत्रण दिए हैं, जो घटना 1964 की है तो सरकार ने कहा कि अब का ऊ अईहै। सच में 1964 में ही प्रधानमंत्री जी का स्वर्गवास हो गया। ऐसी ऐसी भगवान राम अवधूत सरकार जी की सच्ची घटनाओं का वर्णन इस अघोरेश्वर लीलामृत पुस्तक में आप लोग को पढ़ने को मिलेगा।

लेखक श्याम नारायण पांडे जो भगवान राम अवधूत के साथ अपने जीवन के बीते हुए पल उनके साथ रहने का और सभी चमत्कारी घटनाओं का विवरण इस पुस्तक में किया गया  है। इसके लोकार्पण में मुख्य रूप से  अघोरेश्वर लीलामृत के लेखक श्याम नारायण पांडे, व्यवस्थापक अरुण सिंह, चंद्रनाथ ओझा, सुनील मौजूद रहे।

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