परेशान न हों : किसी बड़ी घटना या टूटने के बाद बनेगा पुल, नींद में हैं चंदौली के अफसर व नेता
tds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_show
चंदौली जिले के नेता व अधिकारी ऐसे ही सोते रहे तो कर्मनाशा पुल की तरह गंगा नदी पर बना बलुआ पुल भी टूट जाएगा, क्योंकि पुल की हालत ऐसी हो रही है कि ओवरलोड गाड़ियों के कारण पुल में गड्ढे बनते जा रहे हैं और उनको देखने वाला कोई नहीं है।
वैसे तो जिले के पुलिस अधीक्षक के हवा हवाई निर्देश के बाद भी ओवरलोड वाहनों का परिचालन कागजों पर बंद है और इसीलिए ऐसी गाड़ियों को देखकर भी पुलिस वाले रोकते टोकते नहीं हैं, क्योंकि किसी गाड़ी का पुलिस से माल का कनेक्शन रहता है तो किसी गाड़ी का नेता जी की सिफारिश का। ऐसे में गाड़ियों को रोकने टोकने पर लाइन हाजिर होने या दूसरे थाने पर भेजे जाने का खतरा ज्यादा है..इसलिए वे ड्यूटी करते समय भी उन्हें रोकते नहीं हैं।
अब रही गंगा नदी पर बने बलुआ पुल के क्षतिग्रस्त होने की तो यह जिम्मेदारी किसकी है..कौन इसकी देखरेख करता है और मरम्मत करता है…और कौन कौन विभाग ओवरलोड चलने वाली गाड़ियों पर एक्शन करता है..इसको लेकर चंदौली जिले के राजनेता व प्रशासनिक अफसर भी कंफ्यूज रहते हैं तभी तो कोई एक्शन नहीं लेता है..हर कोई दूसरे का मामला बता कर पल्ला झाड़ लेता है।
कहा जा रहा है कि गंगा नदी वाले पुल के रास्ते में सरिया दिखने लगी है। दो वर्ष पूर्व टैंकर के धक्के से टूटी रेलिंग तक की मरम्मत नहीं हो सकी है। पुल पर रात के समय लाइट की व्यवस्था नहीं होने के कारण राहगीरों को खतरा बना रहता है।
बलुआ गंगा पुल चालू हुए पांच वर्ष भी नहीं हुए कि ओवरलोड ट्रकों के कारण मार्ग ही नहीं पुल भी क्षतिग्रस्त होने लगी है। पुल मार्ग पर ओवरलोड वाहनों के दबाव से क्षतिग्रस्त होकर सरिया दिखने लगी है। जगह-जगह सरिया उभरने और रात में अंधेरा होने से राहगीर गिरकर चोटिल होते हैं।
चंदौली जिले की खबरों को सबसे पहले पढ़ने और जानने के लिए चंदौली समाचार के टेलीग्राम से जुड़े।*