योगी सरकार दे रही है एक और खुशखबरी, भवन निर्माण नियमावली में होगा बड़ा बदलाव

भवन निर्माण नियमावली में अब बदलाव की हो रही तैयारी
छोटे भूखंडों पर भी व्यावसायिक भवन बनाने की मिलेगी अनुमति
जानिए किस तरह से तैयार हो रही है नयी पॉलिसी
चंदौली जिले सहित अब राज्य के अन्य जिलों के लोगों के लिए राहत वाली खबर है। राज्य सरकार शहर के पुराने क्षेत्रों में छोटे भूखंडों 500 वर्ग मीटर पर भी व्यवसायिक उपयोग की अनुमति देने जा रही है। इतना ही नहीं कम चौड़ी सड़कों यानी 12 से 15 मीटर सड़कों पर भी इसकी अनुमति दी जाएगी। उच्च स्तर पर विचार-विमर्श में सहमति बन गई है।

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश भवन निर्माण एवं विकास उपविधि में इसका प्रावधान किया जा रहा है। राज्य सरकार के मौजूदा जरूरतों को ध्यान में रखते हुए उपविधि में संशोधन करने जा रही है, जिससे कम भूमि का अधिक इस्तेमाल किया जा सके। देश के अन्य राज्यों में शहरों पर भूमि का अधिक से अधिक उपयोग करने की सुविधाएं दी गई हैं। उत्तर प्रदेश में वर्ष 2008 में बनाए गए भवन निर्माण एवं विकास उपविधि पर ही नक्शा पास किया जा रहा है।
देश के अन्य राज्यों गुजरात, राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली, महाराष्ट्र, बेंगलुरु और ओडिशा में मौजूदा जरूरतों को ध्यान में रखते हुए भवन निर्माण एवं विकास उपविधि को संशोधित किया जा चुका है। इसीलिए उत्तर प्रदेश में भी इसमें संशोधन की कवायद शुरू की गई है। नई व्यवस्था में कम भूमि पर अधिक ऊंचाई तक निर्माण की सुविधा होगी, इतना ही नहीं एक ही स्थान पर बहुउपयोगी इस्तेमाल किया जा सकेगा।
उत्तर प्रदेश में निवेशकों को राहत देने व नई जरूरतों को देखते हुए यूपीसीडा अपनी भवन निर्माण नियमावली में बदलाव करेगा। इसके साथ ही अन्य औद्योगिक विकास प्राधिकरणों की नियमावली इस तरह बदलाव होंगे जिससे नियमों में एकरूपता रहे। सभी औद्योगिक प्राधिकरण इसी हिसाब से अपनी भवन निर्माण के नियमों में बदलाव करेंगे। औद्योगिक विकास विभाग ने सभी औद्योगिक विकास प्राधिकरणों को निर्देश दिए थे कि वह अपनी भवन निर्माण नियमावली में एकरूपता लाएं। इसी के तहत यूपीसीडा ने अपनी भवन निर्माण नियमावली में संशोधन कर उसे अपने बोर्ड से पास करा शासन भेज दिया है। अब इसे कैबिनेट से पास कराया जाएगा। इसमें फ्लोर एरिया रेश्यो बढ़ाने का प्रावधान किया गया। यह विभिन्न श्रेणियों में अलग अलग दर के हिसाब से होगा। इसका मकसद जमीन का ज्यादा इस्तेमाल सुनिश्चित करना है। साथ ही इससे ग्राउंड कवरेज भी ज्यादा हो सकेगा।
प्रस्तावित नीति में प्रावधान है कि अब भवन का जब ले आउट बनेगा तब उसमें ईवी चार्जिंग स्टेशन, गैस रिचार्ज, ट्रक पार्किंग, वेंडर जोन, वेयरहाउस आदि के लिए भी जगह छोड़ी जाएगी। इसके लिए निश्चित आकार के भूखंड आवंटित होंगे। इसका लैंड यूज चेंज नहीं हो सकेगा। इसके अलावा वर्तमान नीति में कई अन्य तरह के पूर्व में किए गए प्रावधान अब निरस्त हो जाएंगे। इन्हें अनुपयोगी व अव्यवहारिक माना जाने लगा है। इसके अलावा भवन नीति में अब पर्यावरण अनुकूलता का ज्यादा ध्यान रखा जाएगा। अग्निशमन व्यवस्था के लिए अलग से प्रावधान होंगे। फ्लैटेड फैक्ट्री के लिए भी नए नियम बनेंगे। निवेशकों को प्लग एंड प्ले के तहत भूखंड आवंटित होंगे। इससे निवेशक बिना समय गवांए अपना उद्योग फ्लैटेड फैक्ट्री में चालू कर सकेंगे।
इस सम्बंध में सीईओ यूपीसीडा मयूर माहेश्वरी का कहना है कि इस नीति का मकसद कि निवेशकों के लिए नियम सरल हों। उनमें एकरूपता आए। प्राधिकरणों की जमीन का अधिकतम उपयोग व सही से उपयोग हो। साथ ही नवीनतम प्रयोगों का इस्तेमाल कर उद्योग स्थापित हो सकें। इसी लिए भवन नियमावली में बदलाव किया गया है। इससे निवेशकों को सुविधा होगी और राज्य में पूंजी निवेश और तेजी से बढ़ेगा।
12 से 14 मीटर चौड़ी सड़क पर किया जा रहा विचार
प्रदेश में मौजूदा समय 18 से 24 मीटर चौड़ी सड़कों पर व्यवसायिक उपयोग की अनुमति दी जा रही है। इसके चलते शहर के पुराने क्षेत्रों में व्यवसायिक निर्माण नहीं हो पा रहे हैं, जिससे अवैध निर्माण की प्रवृति बढ़ी है। गुजरात व महाराष्ट्र में 12 से 14 मीटर सड़कों पर व्यवसायिक निर्माण की अनुमति दी जा रही है।
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