CBSE ने किया है 10वीं की परीक्षा प्रणाली में बड़ा बदलाव: अब एक सत्र में दो बार होगी बोर्ड परीक्षा, ये हैं खास बातें

नई परीक्षा व्यवस्था 2025-26 से होगी लागू
एक सत्र में दो बार परीक्षा देने का मिलेगा अवसर
डिजिलॉकर पर उपलब्ध रहेंगे परिणाम और अंकपत्र
अनुपस्थित छात्रों को नहीं मिलेगा सुधार का मौका
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के अनुरूप दसवीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए बोर्ड परीक्षा प्रणाली में बड़ा परिवर्तन करते हुए दो बार परीक्षा देने की व्यवस्था लागू कर दी है। यह नई व्यवस्था शैक्षणिक सत्र 2025-26 से प्रभाव में आएगी। इसका उद्देश्य विद्यार्थियों पर परीक्षा का दबाव कम करना और उन्हें अपने प्रदर्शन को सुधारने का अवसर देना है।

CBSE अध्यक्ष यहुल सिंह और परीक्षा नियंत्रक डॉ. संयम भारद्वाज के अनुसार, अब दसवीं के विद्यार्थी एक ही सत्र में दो बार परीक्षा में सम्मिलित हो सकेंगे। पहली परीक्षा फरवरी 2026 में आयोजित होगी जो सभी विद्यार्थियों के लिए अनिवार्य होगी, जबकि दूसरी परीक्षा मई 2026 में होगी, जो केवल प्रदर्शन सुधार के इच्छुक छात्रों के लिए वैकल्पिक होगी।

इस व्यवस्था के अंतर्गत किसी छात्र को तीन प्रमुख विषयों (विज्ञान, गणित, सामाजिक विज्ञान और भाषा) में प्रदर्शन सुधार का अवसर मिलेगा। यदि कोई छात्र पहली परीक्षा में तीन या अधिक विषयों में अनुपस्थित रहता है, तो उसे सुधार परीक्षा की अनुमति नहीं मिलेगी और उसे "आवश्यक पुनरावृत्ति" (Essential Repeat) की श्रेणी में रखा जाएगा।
CBSE ने स्पष्ट किया है कि अब कंपार्टमेंट की अलग से परीक्षा नहीं ली जाएगी। यदि कोई छात्र मुख्य परीक्षा में असफल रहता है, तो वह मई में होने वाली सुधार परीक्षा में ही कंपार्टमेंट श्रेणी के तहत सम्मिलित हो सकेगा।
प्रमुख बदलाव और नियम
- मुख्य परीक्षा अनिवार्य: सभी छात्र पहली बोर्ड परीक्षा (फरवरी 2026) में शामिल होंगे।
- तीन विषयों में सुधार: दूसरी परीक्षा में अधिकतम तीन विषयों में सुधार की अनुमति होगी।
- डिजिलॉकर सुविधा: मुख्य परीक्षा के अंक डिजिलॉकर पर उपलब्ध होंगे, जिससे छात्र 11वीं में अस्थायी प्रवेश ले सकेंगे।
- विशेष श्रेणियों को राहत: खेल प्रतियोगिताओं या दिव्यांग छात्रों के लिए विशेष छूट की व्यवस्था लागू रहेगी।
- आंतरिक मूल्यांकन एक बार: आंतरिक मूल्यांकन सिर्फ मुख्य परीक्षा से पहले एक बार होगा।
CBSE के अनुसार, यह निर्णय विद्यार्थियों को तनाव-मुक्त माहौल में अध्ययन करने और आत्म-मूल्यांकन का अवसर देने के उद्देश्य से लिया गया है। बोर्ड को उम्मीद है कि इससे छात्रों में आत्मविश्वास बढ़ेगा और परीक्षा परिणामों में सुधार होगा।
यह नई प्रणाली फिलहाल केवल कक्षा 10 के लिए लागू की जा रही है। 12वीं कक्षा की परीक्षा व्यवस्था यथावत रहेगी।
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