अपराधियों को पकड़ने में करें पुलिस की मदद, ‘पुलिस सतर्क मित्र’ व्हाट्सएप बॉट पर मैसेज भेजते ही होगी कार्रवाई
चंदौली में अपराध पर लगाम लगाने के लिए पुलिस ने ‘पुलिस सतर्क मित्र’ व्हाट्सएप बॉट शुरू किया है। अब नागरिक बिना डरे गौ-तस्करी, ड्रग्स और भ्रष्टाचार जैसी सूचनाएं सीधे बड़े अधिकारियों तक फोटो-वीडियो सहित भेज सकेंगे, वह भी बिना अपनी पहचान उजागर किए।
पुलिस को गोपनीय तरीके से सूचना देने की सुविधा
क्राइम की फोटो, वीडियो और ऑडियो भेजने का विकल्प
आपके पास पुलिस के भ्रष्टाचार की शिकायत का सीधा मौका
सीधे एसपी और डीआईजी कार्यालय तक पहुंचेगी जानकारी
चंदौली जिले को अपराध मुक्त बनाने और अवैध गतिविधियों पर प्रभावी नियंत्रण पाने के लिए पुलिस प्रशासन ने एक बड़ी तकनीकी पहल की है। डीआईजी वाराणसी रेंज, वैभव कृष्ण के निर्देशानुसार चंदौली में ‘पुलिस सतर्क मित्र’ व्हाट्सएप बॉट सेवा की शुरुआत की गई है। इस सेवा की सबसे खास बात यह है कि सूचना देने वाले व्यक्ति की पहचान पूरी तरह गोपनीय रखी जाएगी।

7839860411 पर ‘Hi’ लिखते ही शुरू होगी प्रक्रिया
अब चंदौली के नागरिकों को अपराधी या किसी अवैध गतिविधि की सूचना देने के लिए थाने जाने या अपनी पहचान बताने की जरूरत नहीं है। नागरिक मोबाइल नंबर 7839860411 को अपने फोन में सेव कर व्हाट्सएप पर केवल "Hi" भेजेंगे और बॉट सक्रिय हो जाएगा। इसके अलावा जारी किए गए QR कोड को स्कैन करके भी इस सुविधा का लाभ उठाया जा सकता है। बॉट सबसे पहले भाषा का चुनाव पूछेगा और फिर स्टेप-बाय-स्टेप अपराधी या घटना की जानकारी दर्ज करेगा।

इन 10 गंभीर मामलों की दे सकेंगे गुप्त सूचना
पुलिस सतर्क मित्र बॉट को विशेष रूप से उन अपराधों के लिए डिजाइन किया गया है जिनमें अक्सर गवाह सामने आने से डरते हैं। नागरिक निम्नलिखित मामलों की सूचना दे सकते हैं:
- गौ-तस्करी और गौवध
- अवैध शराब, ड्रग्स और मादक पदार्थ
- अवैध हथियार और जुआ-सट्टा
- महिला एवं बाल तस्करी
- अवैध खनन, ओवरलोडिंग और जबरन वसूली
- छेड़छाड़ वाले संवेदनशील स्थान
- जबरन धर्म परिवर्तन और पुलिस भ्रष्टाचार
डिजिटल साक्ष्य के साथ होगी सीधी कार्रवाई
यह सिस्टम केवल टेक्स्ट मैसेज तक सीमित नहीं है। नागरिक मौके की फोटो, वीडियो या ऑडियो रिकॉर्डिंग भी भेज सकते हैं। यदि आपके पास किसी अपराधी की तस्वीर या सीसीटीवी फुटेज है, तो उसे सीधे अपलोड किया जा सकता है। यह जानकारी सीधे पुलिस अधीक्षक (एसपी) चंदौली और डीआईजी वाराणसी रेंज के कार्यालय में स्थापित मॉनिटरिंग सेल तक पहुंचेगी। सूचना मिलते ही संबंधित अधिकारियों को कार्रवाई के निर्देश दिए जाएंगे और उसका फीडबैक भी सिस्टम में अपडेट होगा।
भ्रष्ट पुलिसकर्मियों पर भी रहेगी नजर
इस बॉट की एक और महत्वपूर्ण विशेषता यह है कि इसके माध्यम से पुलिस विभाग के भीतर छिपे 'काली भेड़ों' पर भी वार किया जा सकेगा। यदि किसी थाना या चौकी का पुलिसकर्मी अवैध वसूली या किसी अपराधी के साथ संलिप्त पाया जाता है, तो उसकी शिकायत भी इस प्लेटफॉर्म पर की जा सकती है।
पुलिस प्रशासन ने जनता से अपील की है कि वे इस सुविधा का जिम्मेदारी से उपयोग करें और एक सुरक्षित समाज बनाने में पुलिस के 'सतर्क मित्र' बनें।
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