30 जून तक नहीं मिलेगी किसी कार्यक्रम की परमीशन, ये है आदेश
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ऐसा कहा जा रहा है कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद भी संक्रमण के खतरे के देखते हुए इसे रोकने के लिए जुटी यूपी सरकार हर मोर्चे पर काम करने का मन बना चुकी है।
इसलिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि 30 जून तक कोई भी सार्वजनिक कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति न दी जाए। मुख्यमंत्री ने यह निर्देश रविवार अपने आवास पर टीम-11 की बैठक में दिए।
सीएम ने कहा कि लेनदेन के लिए रुपे कार्ड के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जाए। कोविड अस्पतालों में केवल अनिवार्य रूप से कोरोना संक्रमित मरीजों का ही इलाज हो। मुख्यमंत्री ने कोरोना मरीजों के इलाज में प्लाज्मा थेरेपी के इस्तेमाल पर खास जोर दिया।
कोरोना लॉकडाउन में रुके हुए उद्योगों को खोलने की मुहिम कई बाधाओं के चलते परवान नहीं चढ़ पा रही है। अब तय हुआ है कि पहले उन 28 जिलों में फोकस किया जाए, जहां पर 10 या उससे से कम पाजिटिव केस हैं। इसके अलावा 17 जिले में अभी तक एक भी केस नहीं आया है। इस तरह करीब 45 जिलों में छोटी बड़ी औद्योगिक गतिविधियां शुरू की जा सकती हैं।
शासन में उच्चस्तरीय बैठक में कहा गया कि 10 से ज्यादा केस वाले जिलों में लॉकडाउन का सख्ती से पालन कराया जा रहा है। ऐसे में वहां औद्योगिक गतिविधियां शुरू करने में खासी मुश्किलें आएंगी। असल में विडम्बना यह है कि सर्वाधिक उद्योग वाले पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लगभग सभी जिले कोरोना संक्रमण से ग्रस्त हैं जबकि इस मामले में बुंदेलखंड बहुत बेहतर स्थिति में हैं। पश्चिमी यूपी जैसा हाल मध्य यूपी का है। बेहतर स्थिति में अपेक्षाकृत पूर्वांचल है।
इन जिलों में अभी तक एक भी केस नहीं
अमेठी, फर्रुखाबाद, जालौन, झांसी, ललितपुर, हमीरपुर, महोबा, चित्रकूट, सिद्धार्थनगर ,कानपुर देहात, फतेहपुर, गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया, बलिया, चंदौली व सोनभद्र। शनिवार तक आए केस के मुताबिक यह जिले चिन्हित हुए हैं।
कोरोना के कम केस वाले इन जिलों पर खास ध्यान
हाथरस, मथुरा, एटा, कासगंज, मैनपुरी, बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर, खीरी, उन्नाव, कन्नौज, इटावा, बांदा, प्रतापगढ़, कौशाम्बी, प्रयागराज, बाराबंकी, अयोध्या, बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, महराजगंज, आजमगढ़, मऊ जौनपुर, गाजीपुर , संतरविदास नगर व मिर्जापुर।
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