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10-12 कार्यालयों में न बैठने वाले DM-SP की खैर नहीं, शिकायत मिलते ही नप जाएंगे साहब लोग

 

सीएम योगी ने अपने सरकारी आवास पर जनसुनवाई प्रणाली, कानून व्यवस्था, सीएम हेल्पलाइन 1076 समेत कई योजनाओं की समीक्षा के दौरान जान लिया कि कई अफसर 10-12 बजे तक अपने कार्यालय में बैठना पसंद नहीं करते हैं और न ही जनता की शिकायतों को गुणवत्ता के साथ निस्तारण की मंशा रखते हैं, तभी मुख्यमंत्री के जनता दरबार में शिकायतों की संख्या बढ़ती जाती है और मुख्यमंत्री के यहां आने वाला हर व्यक्ति यही कहता है कि डीएम व एसपी ने कोई सुनवाई नहीं की। 

मुख्यमंत्री ने जिलों की समीक्षा के दौरान कई जिलों के डीएम और एसपी को अपनी कार्यप्रणाली को सुधारने के निर्देश देते हुए साफ साफ इशारे में कह दिया कि अगर नहीं बदले तो बदल दिए जाएंगे। 


मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता दर्शन में मिलने वाली समस्याओं का निपटारा जल्द से जल्द होना चाहिए। वहीं कप्तानों को कहा कि हर एक थानों में मेरिट के आधार पर तैनाती की जानी चाहिए। उन्होंने ये भी कहा कि जिन कर्मचारियों की अपराधियों के साथ सांठ गांठ है, उन पर कार्रवाई की जाएगी।


सीएम ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि रोज 2 घंटे अपने ऑफिस में जनता की समस्याओं को सुनें। सीएम का मकसद साफ है कि जिस तरह वह सुबह जनता दर्शन कार्यक्रम रखते हैं, उसी तरह की व्यवस्था जिलों में भी होनी चाहिए।


सीएम ने निर्देश दिए हैं कि डीएम और एसपी रोजाना सुबह 10 से 12 बजे तक ऑफिस में मौजूद रहें। इस दौरान वह जनता से मिलें और उनकी समस्याओं का निपटारा करें।


सीएम ने निर्देश दिए हैं कि मुख्य सचिव आरके तिवारी, एसीएस अवनीश कुमार अवस्थी और डीजीपी मुकुल गोयल इस पूरी व्यवस्था की निगरानी करेंगे। ये अधिकारी ही इस बात को देखेंगे कि कौन अधिकारी सीएम के निर्देश के बावजूद ऑफिस में नहीं बैठ रहा है। जो अधिकारी मौजूद नहीं रहेंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

सीएम योगी आदित्यनाथ के रियलिटी चेक में 14 डीएम तथा 16 एसपी/एसएसपी फेल हो गए। इन सभी गैरहाजिर डीएम/पुलिस कप्तान को नोटिस जारी किया गया है। जनता दर्शन के दौरान गायब रहने पर इनको अपना-अपना स्पष्टीकरण देना होगा।

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