कोरोना से कम नहीं डेंगू, सावधानी और जागरूकता से ही होगी रोकथाम
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चंदौली जिले में कोविड-19 की ही तरह डेंगू भी एक गंभीर बीमारी है। हर साल इस बीमारी से लाखों लोग मर जाते हैं। इस बीमारी से बचाव के लिए अभी तक कोई भी वेक्सीन नहीं बनी है। कुछ सरल उपायों, जागरूकता और सावधानियों को अपना कर ही डेंगू से बचा जा सकता है। 16 मई को हर साल चिकित्सा स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग द्वारा राष्ट्रीय डेंगू दिवस मनाया जाता है। स्वास्थ्य से जुड़े किसी भी दिवस को मनाने के पीछे का एक ही उद्देश्य है, उस बीमारी को लेकर लोगों में जागरूकता पैदा करना।
भारत में डेंगू का एक समय आता है, जब इस बीमारी का खतरा रहता है। यह बीमारी मॉनसून के समय आती है और इसी समय सबसे ज्यादा लोग इस बीमारी से ग्रसित होते हैं। मॉनसून के साथ डेंगू के मच्छरों के पनपने का मौसम भी शुरू होता है। सरकार के सहयोग से स्वास्थ्य विभाग इस बीमारी को लेकर अब तक काफी जागरूकता का कार्य किया है।
जिला मलेरिया अधिकारी जेपी सोनकर ने बताया कि डेंगू की शुरूआत तेज बुखार, सिरदर्द और पीठ में दर्द से होती है। शुरू के 3 से 4 घंटों तक जोड़ों में भी बहुत दर्द होता है। आंखें लाल हो जाती हैं। डेंगू बुखार 2 से 4 दिन तक रहता है और फिर धीरे धीरे तापमान सामान्य हो जाता है। बुखार के साथ-साथ शरीर में खून की कमी हो जाती है। शरीर का तापमान 104 डिग्री हो जाता है और ब्लड प्रेशर भी सामान्य से बहुत कम हो जाता है। लक्षण दिखते ही स्वास्थ्य केंद्र जाकर डॉक्टर से सलाह लें, क्योंकि प्रारम्भिक निदान से मरीज को इस बीमारी से बचाया जा सकता है। उन्होने बताया कि जिले के सभी सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों और सभी सरकारी अस्पतालों में डेगू की निःशुल्क जाँच, इलाज और दवाएं निःशुल्क उपलब्ध है।
जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि डेंगू बुख़ार को गावों में “हड्डी तोड़ बुख़ार” के नाम से भी जाना जाता है। यह आसपास जल जमाव के कारण होता है। बरसात से पहले सफ़ाई सुनिश्चित करें और लोगों में जागरूकता लायें और बताएं कि डेगू की रोकथाम के लिए क्या करें, क्या न करें, शुद्ध पेयजल या पानी उबाल के पियें।
डेंगू से बचाव के लिए उपाय
• सप्ताह में एक कूलर, फूलदान, पशु व पक्षियों के पानी के बर्तन इत्यादि को खाली करें, रगड़ कर साफ करें एवं सुखाकर ही पानी डालें।
• पुराने टायर, डिस्पोजल कप, नारियल के खोल इत्यादि में पानी जमा न होने दें
• पानी के सभी बर्तन, टंकी इत्यादि को पूरी तरह ढककर रखें।
• मच्छर द्वारा काटे जाने से बचने के लिए ऐसे कपड़े पहने को बदन को पूरी तरह ढकें।
• सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें।
• तालाब, और नालियों की नियमित सफाई, फॉगिंग की व्यवस्था करते कराते रहें
• पेयजल स्रोतों, संसाधनों से शौचालयों के सीवर को दूर रखें।
• संक्रमण और प्रदूषण की उत्तरदायी खुली नालियों को ढक के रखें, गंदगी को कूड़ेदान में डालें
• यदि डेंगू के लक्षण दिखें तो तुरंत अपने नज़दीकी अस्पताल या स्वास्थ्य केंद्र पर जाएँ।
• पानी ठहरेगा जहां, डेंगू के मच्छर पनपेंगे वहाँ
• कुछ सरल उपायों को अपनाएं और डेंगू को दूर भगाएं
• अभी तक इसकी भी नहीं कोई वैक्सीन
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