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दक्षणा फाउंडेशन कर रहा है पहल, मुफ्त में दे रहा है अफसर-इंजीनियर-डॉक्टर बनाने की कोचिंग

चंदौली जिले में धनाभाव में गरीब परिवार के विद्यार्थियों की प्रतिभा को दबने नहीं दिया जाएगा और पैसा उनकी पढ़ायी व अच्छे करियर की तैयारी में बाधा नहीं बन सकेगा।
 

गरीब घर के बच्चों को मदद देने की योजना

आर्थिक अभाव में नहीं छूटेगी जेईई और नीट की  तैयारी

मेधावी कर सकेंगे प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी

सरकारी विभाग उठाएगा इनका पूरा खर्चा

 

चंदौली जिले में धनाभाव में गरीब परिवार के विद्यार्थियों की प्रतिभा को दबने नहीं दिया जाएगा और पैसा उनकी पढ़ायी व अच्छे करियर की तैयारी में बाधा नहीं बन सकेगा। इसके लिए दक्षणा फाउंडेशन की पहल पर माध्यमिक शिक्षा विभाग मेधावियों का चयन कर विभिन्न प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में सहयोग करेगा। मेधावियों से आवेदन मांगे गए हैं। चयन करने के बाद एक वर्ष की आवासीय सुविधा व छात्रवृत्ति के साथ प्रतियोगी परीक्षा की नि:शुल्क कोचिंग दी जाएगी। 


जनपद में संचालित 248 माध्यमिक स्कूलों में 28 राजकीय हैं। इनमें लगभग 8152 छात्र-छात्राएं पंजीकृत हैं। यहां के जरूरतमंद मेधावी को प्रतियोगी परीक्षा तैयारी की चिंता से निजात मिलेगी। कई बार धनाभाव में मेधावी प्रतिभागियों को बेहतर मौका नहीं मिलता है। आर्थिक अभाव में मेधावी इंटरमीडिएट के बाद जेईई और नीट की तैयारी का सपना पूरा नहीं कर पाते हैं। दक्षणा फाउंडेशन की और से जरूरतमंद एवं योग्य विद्यार्थियों को निश्शुल्क कोचिंग दिलाई जाएगी। अपर राज्य परियोजना निदेशक समग्र शिक्षा ने डीआइओएस को पत्र जारी किया है। राजकीय विद्यालय में अपवंचित वर्ग के विद्यार्थियों को नि:शुल्क जेईई और नीट की तैयारी के लिए आवेदन प्राप्त कर चयन करने को कहा है। 


निदेशक की ओर से जारी पत्र में बताया गया है कि चयनित मेधावियों को एक वर्ष तक आवासीय सुविधा में छात्रवृत्ति के साथ नि:शुल्क कोचिंग मिलेगी। फाउंडेशन से अनुबंध होने के बाद मेधावियों का चयन कर उन्हें प्रतियोगी परीक्षा तैयारी में सहयोग करते हुए रिपोर्ट देने को कहा है। अपर राज्य परियोजना निदेशक का पत्र मिलने के बाद माध्यमिक शिक्षा विभाग ने प्रधानाचार्यों को पत्र जारी कर प्रचार-प्रसार करते हुए मेधावियों का आवेदन कराने को कहा है।


इस सम्बंध में जिला विद्यालय निरीक्षक दल सिंगार यादव ने बताया कि राजकीय स्कूल के बच्चों को निश्शुल्क कोचिंग के साथ आवासीय सुविधा व छात्रवृत्ति मिलने से प्रतियोगी परीक्षा तैयारी में रुचि बढ़ेगी तो मेधावियों की आर्थिक कमी से प्रतिभा का हनन नहीं होगा। प्रधानाचार्यों को आवेदन कराने की जिम्मेदारी दी गई है। आवेदन के बाद नियमानुसार चयन कर तैयारी कराते हुए उनका भविष्य संवारा जाएगा।

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