सोनभद्र में मिली 3 हजार टन सोने की खान, शुरू होने जा रही नीलामी
tds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_show
चंदौली, मिर्जापुर व सोनभद्र को अभी तक केवल नक्सल के लिए जाना जाता था या फिर बालू, पत्थर व गिट्टी की खुदाई के लिए। अब जब सोनभद्र में सोने के उत्खनन का रास्ता साफ होने जा रहा है, तो उससे पहले खनिज निदेशालय जिओ टैगिंग करवाने की पहल कर रहा है। जिओ टैगिंग के लिए शासन ने 7 सदस्यीय टीम गठित कर दी है।
सोनभद्र. खनिज संपदा से भरपूर उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) का सोनभद्र (Sonbhadra) अब दुनिया के पटल पर आने वाला है। पिछले कई वर्षों से सोने की तलाश कर रहे भू वैज्ञानिकों को आखिरकार सफलता मिल ही गई। जिले में दो जगह सोने के अयस्क (Gold Ore) मिले हैं। कुल तीन हजार टन सोने (Gold) के अयस्क से करीब डेढ़ हजार टन सोने का खनन किया जाएगा। इनके खनन के लिए नीलामी प्रक्रिया से पूर्व जिओ टैगिंग की कार्रवाई शुरू की गई है।
यहां मिला इतना सोना
सोनभद्र में सोने के उत्खनन का रास्ता साफ होने से पहले खनिज निदेशालय जिओ टैगिंग करवा रहा है। जिओ टैगिंग के लिए शासन ने 7 सदस्यीय टीम गठित की है। यह टीम 22 फरवरी तक शासन को रिपोर्ट सौंपेगी। जिसके बाद ब्लाकों की नीलामी की प्रक्रिया योगी सरकार द्वारा की जाएगी। वैज्ञानिकों को महुली में 2943.26 टन और सोन पहाड़ी में 646.15 किलोग्राम सोने का भंडार मिला है।
ई-टेंडर के जरिए होगी नीलामी
अब जब सोने की खान का पता चल चूका है तो सरकार द्वारा गठित टीम जिओ टैगिंग करने के बाद ई-टेंडरिंग के जरिए ब्लॉक्स की नीलामी प्रक्रिया शुरू करेगी। टीम 22 फ़रवरी को अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपेगी।
8 साल पहले मिली थी जानकारी
टीम ने 8 साल पहले ही ज़मीन के अंदर सोना होने की पुष्टि कर दी थी. अब यूपी सरकार ने भी अब तेजी दिखाते हुए सोने को बेचने के लिए ई-नीलामी प्रक्रिया शुरु कर दी है। अध्ययन करके सोनभद्र में सोना होने के बारे में टीम ने बताया था और इस बात की पुष्टि भी 2012 में कर दी थी। टीम ने बताया था कि सोनभद्र की पहाड़ियों में सोना मौजूद है। जीएसआई के अनुसार महुली में 2943.26 टन और सोन पहाड़ी में 646.15 किलोग्राम सोने का भंडार मिला है।
चंदौली जिले की खबरों को सबसे पहले पढ़ने और जानने के लिए चंदौली समाचार के टेलीग्राम से जुड़े।*