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आठवीं के विद्यार्थियों को मिलेगी ग्राफिक डिजाइनिंग की शिक्षा, रोजगार के लिए होगा प्रारंभिक प्रशिक्षण

राज्य शिक्षा संस्थान ने ग्राफिक डिजाइनिंग विषय के लिए पाठ्यक्रम विकसित कर लिया है और शिक्षकों को इसके लिए जंगमा (मोबाइल) प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण के बाद ये शिक्षक विद्यार्थियों को आधुनिक तकनीक की बारीकियों से अवगत कराएंगे।
 

डिजिटल युग की मांगों के अनुसार बच्चों को मिलेगा प्रशिक्षण

राज्य शिक्षा संस्थान ने तैयार किया विशेष पाठ्यक्रम

शुरुआती स्तर से ही छात्रों को मिलेंगे स्वरोजगार के अवसर

शिक्षकों का प्रशिक्षण भी शुरू

चंदौली जिले में परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए एक बड़ी पहल की गई है। अब इन्हें पढ़ाई के साथ-साथ रोजगार परक शिक्षा के रूप में ग्राफिक डिजाइनिंग का प्रशिक्षण भी मिलेगा। राज्य शिक्षा संस्थान द्वारा तैयार विशेष पाठ्यक्रम को जल्द ही बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में लागू किया जाएगा। इसके तहत बच्चों को डिजिटल कोलाज, इलस्ट्रेटर, फोटोशॉप, पेंटिंग, कोरल ड्रा, और एनिमेशन जैसी तकनीकों की जानकारी दी जाएगी।

नई शिक्षा नीति के अनुरूप कदम
यह पहल केंद्र सरकार की नई शिक्षा नीति (NEP) के तहत की जा रही है, जिसका उद्देश्य छात्रों को प्रारंभिक स्तर से ही रोजगार के योग्य बनाना है। अब तक केवल उच्च कक्षाओं में ही व्यावसायिक शिक्षा दी जाती थी, लेकिन अब कक्षा आठवीं से ही छात्रों को तकनीकी व डिजिटल कौशल से लैस किया जाएगा।

शिक्षकों को भी मिलेगा प्रशिक्षण
राज्य शिक्षा संस्थान ने ग्राफिक डिजाइनिंग विषय के लिए पाठ्यक्रम विकसित कर लिया है और शिक्षकों को इसके लिए जंगमा (मोबाइल) प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण के बाद ये शिक्षक विद्यार्थियों को आधुनिक तकनीक की बारीकियों से अवगत कराएंगे।

पाठ्यक्रम में ये विषय होंगे शामिल:

    कंप्यूटर का परिचय एवं उपयोगिता

    हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर व ऑपरेटिंग सिस्टम

    कंप्यूटर ग्राफिक्स की अवधारणा व सिद्धांत

    इमेज प्रोसेसिंग, रास्टर-वेेक्टर इमेज

    फोटोशॉप, इलस्ट्रेटर, पेजमेकर का उपयोग

    आउटपुट पब्लिशिंग और फ्लैश एनीमेशन

बच्चों को मिलेगा रोजगार का रास्ता
बेसिक शिक्षा अधिकारी सचिन कुमार ने बताया कि यह प्रयास बच्चों को प्रारंभिक स्तर पर ही रोजगार से जुड़ी तकनीकी जानकारी देने के लिए किया जा रहा है। इससे जहां छात्रों में रचनात्मकता और डिज़ाइनिंग स्किल्स बढ़ेगी, वहीं भविष्य में उनके लिए स्वरोजगार या डिजिटल फील्ड में करियर बनाने के रास्ते भी खुलेंगे।

यह एक बड़ा बदलाव है, जहां परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे भी अब डिजिटल युग की मांगों के अनुसार खुद को तैयार कर सकेंगे। इस पहल से निश्चित रूप से सरकारी विद्यालयों की शिक्षा व्यवस्था में गुणवत्ता और आधुनिकता का नया आयाम जुड़ेगा।

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