छोटे से बादाम में छिपा है सेहत का खजाना, जानें सर्दियों में इसे खाने का सही तरीका और चमत्कारी लाभ
सर्दियों के मौसम में बादाम केवल स्वाद ही नहीं, बल्कि संपूर्ण स्वास्थ्य की चाबी है। ओमेगा-3 और विटामिन ई से भरपूर यह ड्राई फ्रूट कैसे आपकी याददाश्त और दिल की सेहत सुधारता है? जानिए विशेषज्ञों की राय..
बादाम में विटामिन ई की प्रचुर मात्रा
खराब कोलेस्ट्रॉल घटाने में है बेहद मददगार
याददाश्त और एकाग्रता बढ़ाने का रामबाण उपाय
भिगोकर खाने से मिलते हैं दोगुने फायदे
अधिक सेवन से बढ़ सकती हैं पेट की समस्याएं
भारत में सदियों से बादाम को 'बुद्धि और बल' का प्रतीक माना गया है। जैसे ही उत्तर भारत में सर्दियों की दस्तक होती है, घरों में मेवों का महत्व बढ़ जाता है। बादाम एक ऐसा सुपरफूड है, जो न केवल शरीर को अंदरूनी गर्माहट प्रदान करता है, बल्कि पोषण का एक ऐसा पावरहाउस है जो सिर से लेकर पैर तक फायदा पहुँचाता है।

पोषक तत्वों का खजाना है बादाम
विज्ञान के नजरिए से देखें तो बादाम पोषक तत्वों का भंडार है। इसमें उच्च गुणवत्ता वाला प्रोटीन, फाइबर, विटामिन ई, मैग्नीशियम और कैल्शियम पाया जाता है। इसके अलावा, इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड और एंटीऑक्सीडेंट्स की भरपूर मात्रा होती है, जो शरीर की कोशिकाओं (Cells) को ऑक्सीडेटिव डैमेज से बचाते हैं। आयुर्वेद में इसे 'बल्य' यानी शरीर को बल देने वाला और 'ओज' (Vitality) बढ़ाने वाला बताया गया है।

दिल की सेहत के लिए सुरक्षा कवच
आज के दौर में हृदय रोगों का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे में बादाम का सेवन एक औषधि की तरह काम करता है। इसमें मौजूद 'मोनोअनसैचुरेटेड फैट्स' धमनियों को स्वस्थ रखते हैं और शरीर से एलडीएल (खराब कोलेस्ट्रॉल) के स्तर को कम करने में मदद करते हैं। शोध बताते हैं कि नियमित रूप से बादाम खाने वाले व्यक्तियों में हाई ब्लड प्रेशर और स्ट्रोक का खतरा काफी कम हो जाता है।
तेज दिमाग और एकाग्रता के लिए वरदान
बादाम को प्राचीन काल से ही 'ब्रेन फूड' कहा जाता है। इसमें मौजूद राइबोफ्लेविन और एल-कार्निटाइन दिमाग की कार्यक्षमता को बढ़ाते हैं। बच्चों को सुबह भीगे बादाम खिलाने की परंपरा के पीछे का वैज्ञानिक तर्क यही है कि यह न्यूरोनल गतिविधियों को तेज करता है, जिससे याददाश्त और फोकस में सुधार होता है। बुजुर्गों के लिए यह अल्जाइमर जैसी भूलने की बीमारी से बचने में सहायक हो सकता है।
पाचन और हड्डियों की मजबूती
बादाम में मौजूद फाइबर पाचन तंत्र को सुचारू बनाने में मदद करता है और कब्ज जैसी समस्याओं से राहत दिलाता है। इसके अतिरिक्त, बादाम में प्रचुर मात्रा में कैल्शियम और मैग्नीशियम होता है, जो हड्डियों के घनत्व (Bone Density) को बनाए रखने के लिए अनिवार्य है। सर्दियों में अक्सर जोड़ों में दर्द और जकड़न की समस्या होती है, जिसे बादाम के नियमित सेवन से कम किया जा सकता है।
खाने का सही तरीका: क्यों जरूरी है बादाम भिगोना?
आयुर्वेद और आधुनिक पोषण विज्ञान दोनों ही बादाम को रातभर भिगोकर सुबह छिलका उतारकर खाने की सलाह देते हैं। इसका मुख्य कारण बादाम के छिलके में मौजूद 'टैनिन' है, जो पोषक तत्वों के अवशोषण (Absorption) में बाधा डालता है। भिगोने से बादाम का पाचन आसान हो जाता है और शरीर इसके सभी विटामिन और मिनरल्स को पूरी तरह ग्रहण कर पाता है।
सावधानी: कितनी मात्रा है सही?
अति सर्वत्र वर्जयेत—यानी किसी भी चीज की अति नुकसानदेह होती है। बादाम में कैलोरी की मात्रा अधिक होती है, इसलिए एक स्वस्थ वयस्क को दिनभर में 6 से 7 बादाम से ज्यादा नहीं खाना चाहिए। अधिक मात्रा में सेवन करने से पेट में गैस, अपच, मोटापा और किडनी स्टोन (ऑक्सालेट के कारण) जैसी समस्याएं हो सकती हैं। छोटे बच्चों के लिए 2-3 बादाम ही पर्याप्त होते हैं।
सर्दियों के इस मौसम में बादाम को अपनी डाइट का हिस्सा बनाएं, लेकिन याद रखें कि सेहत केवल खाने से नहीं, बल्कि सही मात्रा और सही तरीके से खाने से बनती है।
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