नो इंट्री का आदेश : केवल जनता को बेवकूफ बनाने के लिए या दिखाने के लिए
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अब तो चंदौली जिले में हर कोई कहने लगा है कि जिले में नो इंट्री का आदेश केवल दिखावे के लिए है, केवल रोकने वालों के जेब में 100 या 50 के नोट डालिए और आगे बढ़ जाइए। कुछ जगहों पर और कुछ खास गाड़ियों के लिए यह रेट थोड़ा सा ज्यादा है। मतलब साफ है कि अगर आप पैसा देकर अपनी गाड़ी आगे ले जाना चाहते हैं तो कोई मना नहीं करेगा।
अब आप बुधवार को चहनियां बाजार में लगे जाम को लेकर देख लीजिए। चहिनयां से मथेला गांव तक तीन किलोमीटर तक जाम लगा रहा। कैसे इतनी गाड़ियों को आने जाने की परमीशन मिल गयी। क्या सड़क पर कहीं कोई रोकने टोकने वाला नहीं था और अगर था तो क्या कर रहा था। मामला साफ है बार बार लिखने व बताने की जरूरत नहीं।
इस जाम में स्कूल से घर जाने के लिए स्कूली बस में बैठे बच्चे भूख प्यास से व्याकुल होते रहे। पर कौन है देखने व सुनने वाला। जिले के सबसे बड़े दो सरकारी अफसरों के फरमाने को एक दिन नहीं हर दिन ऐसे ही पलीता लगाया जाता है, जिससे आए दिन जाम लगता है और आमजन को परेशानी का सामना करना पड़ता है।
जिला प्रशासन की ओर से सैदपुर व बलुआ पक्का पुल पर ट्रकों के आवागमन के लिए रात्रि 10 से सुबह 5 बजे तक निर्देश है लेकिन पुलिस कर्मी सुविधा शुल्क लेकर ट्रकों को सुबह 5 बजे के बाद भी छोड़ दे रहे हैं। इससे जाम की स्थिति उत्पन्न हो जा रही है। बुधवार को सुबह 11 बजे के बाद स्थानीय बाजार सहित आसपास के तीन किलोमीटर के दायरे में जाम लगा रहा। सबसे ज्यादा परेशानी स्कूली बच्चों को हुई।
व्यापारियों का कहना रहा कि जाम के कारण व्यापार प्रभावित हो रहा है। नो इंट्री केवल दिखावे के लिए रह गया है।
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