एक नजर में जानें GST में कौन-कौन से हुए हैं खास बदलाव
GST काउंसिल की 56वीं मीटिंग फैसला
आम जनता को बड़ी राहत देने की कोशिश
हानिकारक उत्पादों पर टैक्स बढ़ाने का ऐलान
कई दैनिक उपयोग की चीजों पर GST खत्म
GST काउंसिल की 56वीं मीटिंग में आम जनता को बड़ी राहत देने की कोशिश की गयी है। त्योहारों के मौसम से ठीक पहले, केंद्र की मोदी सरकार ने एक बड़ा राजनीतिक दांव खेलते हुए सरकार ने जरूरी वस्तुओं पर जीरो GST का ऐलान किया है, वहीं दूसरी ओर विलासिता और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक उत्पादों पर टैक्स बढ़ाकर 40 प्रतिशत कर दिया है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मीटिंग के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस बदलाव की जानकारी दी।
मोदी सरकार ने स्पष्ट संकेत दिया है कि उसकी प्राथमिकता आम आदमी की जेब पर पड़ने वाले बोझ को कम करना है। रोटी, पराठा, खाखरा, चपाती, दूध, ब्रेड, छेना और पनीर जैसी दैनिक उपभोग की वस्तुओं पर जीएसटी को 5% से घटाकर शून्य कर दिया गया है। यह फैसला मंहगाई से जूझ रहे परिवारों के लिए एक बड़ी राहत है।

इसके अलावा, शिक्षा के क्षेत्र में भी एक महत्वपूर्ण बदलाव किया गया है। पेंसिल, शार्पनर, एक्सरसाइज बुक और नोटबुक पर जीएसटी को 12% से घटाकर शून्य कर दिया गया है। यह फैसला छात्रों और अभिभावकों दोनों के लिए एक बड़ी राहत है। इससे शिक्षा के खर्चों को कम करने में मदद मिलेगी।
साथ ही साथ 33 जीवन रक्षक दवाओं पर जीएसटी को 12 प्रतिशथ से घटाकर शून्य कर दिया गया है। यह कदम स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव ला सकता है। सरकार ने ओनासेमनोजेन अबेपार्वोवेक, एस्किमिनिब, मेपोलिज़ुमाब जैसी कई महत्वपूर्ण दवाओं को इस श्रेणी में शामिल किया है, जो गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों के लिए एक वरदान साबित होती हैं। साथ ही, व्यक्तिगत स्वास्थ्य और जीवन बीमा पर GST को 18 प्रतिशत से घटाकर शून्य करने का फैसला किया है।

पर्सनल यूज वाले एयरक्राफ्ट, लग्जरी कार और नौका जैसी विलासिता की वस्तुओं पर भी 40 प्रतिशत GST लगाया गया है। इस फैसले से यह संदेश जाता है कि सरकार उन लोगों पर अधिक कर लगाएगी जो उच्च-स्तरीय उपभोग करते हैं। कैसीनो, रेस क्लब और ऑनलाइन मनी गेमिंग जैसी गतिविधियों पर भी GST को 18 प्रतिशत से बढ़ाकर 40 प्रतिशत कर दिया गया है। यह कदम जुए और सट्टेबाजी को हतोत्साहित करने के साथ-साथ इन क्षेत्रों से अधिक राजस्व जुटाने का लक्ष्य रखता है।
इसके अतिरिक्त, रिवॉल्वर और पिस्तौल जैसी वस्तुओं पर भी GST को बढ़ाकर 40 प्रतिशत कर दिया गया है, जो एक कठोर कदम है। यह फैसला न केवल सुरक्षा को ध्यान में रखकर लिया गया है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि सरकार इन उत्पादों के उपयोग को नियंत्रित करना चाहती है।
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