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Kidney Health Tips: शरीर के 'नेचुरल फिल्टर' को खराब कर सकती हैं आपकी ये गलतियां, जानें बचाव के अचूक उपाय

क्या आप जानते हैं कि किडनी खराब होने के लक्षण तब तक नहीं दिखते जब तक काफी नुकसान न हो जाए? स्वस्थ आहार, पर्याप्त पानी और सक्रिय जीवनशैली अपनाकर आप इस 'नेचुरल फिल्टर' को लंबी उम्र दे सकते हैं। जानिए किडनी को सुरक्षित रखने के आसान तरीके।
 

जान लीजिए किडनी को स्वस्थ रखने के उपाय

शरीर के प्राकृतिक फिल्टर की देखभाल करना जरुरी

हाई ब्लड प्रेशर और किडनी का रखें ध्यान

किडनी स्टोन से बचाव के तरीके जानना चाहिए

आयुर्वेद के तौर-तरीके से जानिए वृक्क स्वास्थ्य का महत्व

हमारे शरीर के भीतर कई ऐसे अंग हैं जो बिना थके निरंतर कार्य करते रहते हैं, जिनमें किडनी यानी गुर्दा सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अक्सर हम दिल, दिमाग और फेफड़ों के स्वास्थ्य को लेकर तो सजग रहते हैं, लेकिन किडनी की अहमियत को तब तक नजरअंदाज करते हैं जब तक कि उसमें कोई गंभीर समस्या उत्पन्न न हो जाए। वास्तव में, किडनी हमारे शरीर के लिए एक शक्तिशाली फिल्टर की तरह कार्य करती है। यह न केवल रक्त को शुद्ध करती है, बल्कि शरीर से अपशिष्ट और विषैले पदार्थों को छानकर मूत्र के माध्यम से बाहर निकालने का उत्तरदायित्व भी संभालती है। यदि किडनी की कार्यक्षमता में गिरावट आती है, तो पूरा शरीर धीरे-धीरे कमजोर और बीमारियों का घर बनने लगता है।

शरीर के लिए किडनी का महत्व 
प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धति 'आयुर्वेद' में किडनी को 'वृक्क' के नाम से संबोधित किया गया है। आयुर्वेद के अनुसार, वृक्क हमारे शरीर की ऊर्जा और शक्ति के प्रमुख केंद्र हैं। जब तक किडनी स्वस्थ रहती है, तब तक शरीर में जल का संतुलन, रक्त की शुद्धि और खनिजों का स्तर सही बना रहता है। किडनी की बीमारियों की सबसे बड़ी चुनौती यह है कि इनके लक्षण शुरुआती दौर में स्पष्ट नहीं होते। अक्सर लोग तब तक सामान्य महसूस करते हैं जब तक किडनी को काफी क्षति न पहुंच चुकी हो। पैरों में सूजन, असामान्य थकान और मूत्र विसर्जन की प्रक्रिया में बदलाव जैसे लक्षण दिखने पर स्थिति गंभीर हो चुकी होती है, इसीलिए बीमार होने से पहले सावधानी बरतना ही एकमात्र समाधान है।

संतुलित खान-पान और पानी की भूमिका
किडनी की सुरक्षा के लिए सबसे पहला और बुनियादी कदम हमारी रसोई से शुरू होता है। अधिक तला-भुना भोजन, डिब्बाबंद खाद्य पदार्थ और अत्यधिक नमक का सेवन किडनी पर सीधा दबाव डालता है। आयुर्वेद और आधुनिक विज्ञान दोनों ही ताजे फल, हरी सब्जियां, दालें और अनाज को प्राथमिकता देने की सलाह देते हैं। अत्यधिक नमक और चीनी का सेवन रक्तचाप (ब्लड प्रेशर) को बढ़ाता है, जो किडनी का सबसे बड़ा दुश्मन माना जाता है। इसके अतिरिक्त, पर्याप्त मात्रा में पानी पीना किडनी के स्वास्थ्य के लिए रामबाण है। सही मात्रा में जल का सेवन न केवल शरीर की गंदगी साफ करता है बल्कि किडनी स्टोन (पथरी) जैसी पीड़ादायक समस्याओं के खतरे को भी काफी हद तक कम कर देता है।

बदलिए जीवनशैली और तनाव मुक्त रहिए 
स्वस्थ किडनी के लिए केवल आहार ही नहीं, बल्कि शारीरिक सक्रियता भी उतनी ही अनिवार्य है। नियमित व्यायाम, योग, साइकिल चलाना या प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट तेज चलना ब्लड प्रेशर और वजन को नियंत्रित रखने में सहायक होता है। मोटापा और डायबिटीज ऐसी बीमारियां हैं जो सीधे तौर पर किडनी फेलियर का कारण बनती हैं, जिन्हें सक्रिय रहकर टाला जा सकता है। इसके साथ ही, मानसिक शांति का भी गहरा संबंध हमारे अंगों के स्वास्थ्य से है। अत्यधिक तनाव और चिंता शरीर में हार्मोनल असंतुलन पैदा करते हैं जो ब्लड प्रेशर को बढ़ाकर किडनी को क्षति पहुंचाते हैं। अतः समय पर सोना, गहरी सांस लेने का अभ्यास करना और प्रसन्न रहना एक स्वस्थ किडनी और दीर्घायु जीवन का आधार है।

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