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अब फर्जीवाड़ा रोकने के लिए नयी योजना : पहले लगेगी बायोमेट्रिक वाली हाजिरी, उसके बाद ही जोड़े लेंगे शादी के 7 फेरे

इस बार नवविवाहित जोड़ों को मिलने वाले उपहारों की संख्या भी बढ़ा दी गई है। पहले जहां 14 प्रकार के उपहार दिए जाते थे, वहीं अब यह संख्या 24 कर दी गई है।
 

सामूहिक विवाह योजना में पारदर्शिता का नया कदम

अब बायोमेट्रिक उपस्थिति के बाद ही होगा विवाह

योगी सरकार ने फर्जीवाड़ा रोकने के लिए उठाया सख्त कदम

वर-वधू की आधार वेरिफिकेशन से रोकी जाएगी गड़बड़ी

शासन ने समाज कल्याण विभाग को दिए सख्त निर्देश

चंदौली जिले में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में अब पारदर्शिता और गड़बड़ी रोकने के लिए एक नई व्यवस्था लागू की गई है। अब विवाह से पहले वर-वधू की बायोमेट्रिक उपस्थिति दर्ज की जाएगी और आधार कार्ड से उनकी पहचान का सत्यापन किया जाएगा। इसके बाद ही विवाह की अनुमति दी जाएगी। यह नई प्रक्रिया समाज कल्याण विभाग को शासन द्वारा जारी आदेश के तहत की जा रही है।

आपको बता दें कि सरकार को पूर्व में योजना के तहत होने वाले आयोजनों में गड़बड़ी और फर्जीवाड़े की शिकायतें मिली थीं। लगभग तीन साल पहले उपहार वितरण में हेरफेर और फर्जी लाभार्थियों के मामले सामने आए थे। ऐसे मामलों से सबक लेते हुए इस बार पूरी प्रक्रिया को तकनीकी रूप से सुरक्षित किया जा रहा है। बायोमेट्रिक उपस्थिति से यह सुनिश्चित होगा कि किसी व्यक्ति को दो बार योजना का लाभ न मिल सके।

यह व्यवस्था इस वर्ष अक्टूबर माह में प्रस्तावित सामूहिक विवाह समारोह से लागू की जाएगी। समाज कल्याण विभाग इसकी जिम्मेदारी निभाएगा और विवाह से पहले वर-वधू दोनों की आधार सत्यापन प्रक्रिया पूरी करेगा। इससे योजना में पारदर्शिता तो बढ़ेगी ही, साथ ही गलत लाभ उठाने वाले भी पकड़े जा सकेंगे।

सरकार इस योजना के तहत हर पात्र जोड़े पर इस बार एक लाख रुपये खर्च करेगी। जिसमें 60 हजार रुपये वधू के बैंक खाते में भेजे जाएंगे। शेष 40 हजार में से 25 हजार रुपये उपहारों पर तथा 15 हजार रुपये भोजन, पंडाल और अन्य व्यवस्थाओं पर खर्च किए जाएंगे।

इस बार नवविवाहित जोड़ों को मिलने वाले उपहारों की संख्या भी बढ़ा दी गई है। पहले जहां 14 प्रकार के उपहार दिए जाते थे, वहीं अब यह संख्या 24 कर दी गई है। इन उपहारों में गद्दा, कड़ाही, पांच साड़ी, वाटर कूलर, दीवार घड़ी सहित दैनिक उपयोग के अनेक सामान शामिल किए गए हैं, जिससे नवविवाहितों को एक नई शुरुआत के लिए सहयोग मिल सके।

इस संबंध में समाज कल्याण विभाग के अधिकारी राजीव कुमार ने बताया कि शासन से प्राप्त आदेशों के अनुसार अब हर जोड़े का सत्यापन बायोमेट्रिक के जरिए सुनिश्चित किया जाएगा। इससे योजना के वास्तविक लाभार्थियों की पहचान पुख्ता होगी और किसी भी प्रकार की हेराफेरी या दोहराव की संभावना नहीं रहेगी।

मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना गरीब, वंचित व पात्र परिवारों की बेटियों के विवाह में सहयोग देने के उद्देश्य से चलाई जा रही है। सरकार चाहती है कि इस योजना का लाभ केवल उन्हीं को मिले जो वास्तव में इसके हकदार हैं। इसलिए प्रक्रिया को पूरी तरह पारदर्शी और तकनीकी रूप से मजबूत किया जा रहा है।

बायोमेट्रिक प्रणाली से न सिर्फ फर्जी नाम हटेंगे, बल्कि वास्तविक जोड़ों को बिना किसी अड़चन के लाभ मिलेगा। इससे यह भी सुनिश्चित होगा कि किसी एक व्यक्ति के नाम से बार-बार योजना का लाभ न लिया जा सके।

समाज कल्याण विभाग का मानना है कि इस निर्णय से समाज में भरोसा और जागरूकता दोनों बढ़ेगी। साथ ही ऐसे लोग जो अब तक योजना में हेरफेर कर लाभ ले रहे थे, वे स्वतः ही बाहर हो जाएंगे।

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