अब NCC को कोर्स में शामिल करने की तैयारी, UP व CBSE बोर्ड करेगा पहल
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यूपी बोर्ड अब 9 से 12 तक के तकरीबन सवा करोड़ छात्र-छात्राओं के लिए एनसीसी का कोर्स भी शुरू करेगा। इसकी विषयवस्तु तैयार करने के लिए पाठ्यक्रम समिति की बैठक गुरुवार को हुई थी। हालांकि अभी यह तय नहीं है कि इसे अनिवार्य विषय के रूप में रखा जाएगा या फिर वैकल्पिक विषय की तरह विद्यार्थियों को सुलभ होगा।
शासन के निर्देश पर एनसीसी का कोर्स तैयार कराया जा रहा है। वर्तमान में सैन्य विज्ञान कोर्स में एनसीसी एक चैप्टर के रूप में है। लेकिन बहुत अधिक संख्या में इसका लाभ विद्यार्थियों को नहीं मिल पा रहा। इंटरमीडिएट स्तर पर उपलब्ध सैन्य विज्ञान में 2019 की बोर्ड परीक्षा के लिए महज 4628 परीक्षार्थी पंजीकृत थे जिनमें से 3715 सफल रहे।
CBSE से भी किया संपर्क
एनसीसी का कोर्स विकसित करने के लिए यूपी बोर्ड ने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) से भी संपर्क किया है। बोर्ड इसे खेल एवं शारीरिक शिक्षा विषय की तरह भी लागू कर सकता है। यह विषय 10वीं-12वीं के सभी के लिए अनिवार्य है और इसकी परीक्षा विद्यालय स्तर पर आतंरिक रूप से ली जाती है।
लेकिन इसके अंक बोर्ड की ओर से जारी होने वाली मार्कशीट में नहीं जोड़े जाते। सचिव नीना श्रीवास्तव ने बताया कि एनसीसी के लिए पाठ्यक्रम समिति की बैठक हुई है। विषय विशेषज्ञों की रिपोर्ट शासन को भेजेंगे और निर्देश मिलने के बाद शुरू किया जाएगा।
चुनिंदा बच्चों को मिलती है ट्रेनिंग
वर्तमान में एनसीसी की ट्रेनिंग चुनिंदा स्कूलों में दी जाती है। एक बटालियन एक-दो या अधिक स्कूलों में ट्रेनिंग देता है। कक्षा 9 व 10 के लिए जूनियर डिविजन और कक्षा 11 व 12 के छात्रों को सीनियर डिवीजन में रखा जाता है। कक्षा 9 व 10 के बच्चों को दो साल की ट्रेनिंग पर ए सर्टिफिकेट, 11 व 12 के बच्चों को दो साल की ट्रेनिंग पर बी सर्टिफिकेट व स्नातक स्तर पर एक साल की ट्रेनिंग पर सी सर्टिफिकेट मिलता है। असिस्टेंट एनसीसी ऑफिसर मनोज सिंह के अनुसार स्नातक स्तर पर यदि किसी ने सीधा एनसीसी में प्रवेश लिया है तो तीन साल की ट्रेनिंग के बाद सी सर्टिफिकेट मिलता है।
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