पड़ाव क्रॉसिंग पर लगेगी 'योगेनात्मदर्शनम्' की प्रतिमा, कबाड़ से बनी ध्यानमग्न मूर्ति बनेगी आकर्षण
BLW के कबाड़ अवशेषों से बनी ध्यानमग्न मुद्रा
वाराणसी विकास प्राधिकरण की पहल से सौंदर्य संवर्धन
पड़ाव क्रॉसिंग पर प्रतिमा लगाने की योजना तैयार
12 फीट ऊंची और 900 किलो वजनी होगी प्रतिमा
चंदौली जिले की सुंदरता और आध्यात्मिक पहचान को नई ऊंचाई देने के लिए वाराणसी विकास प्राधिकरण ने बड़ी पहल की है। बनारस रेल इंजन कारखाना (बीएलडब्ल्यू) द्वारा कबाड़ से तैयार की गई ध्यानमग्न मुद्रा वाली भव्य प्रतिमा 'योगेनात्मदर्शनम्' अब पड़ाव क्रॉसिंग पर स्थापित की जाएगी।
वाराणसी विकास प्राधिकरण ने इस योजना के तहत लोक निर्माण विभाग, चंदौली को औपचारिक सूचना दी है। शुक्रवार को कार्यदायी संस्था द्वारा चयनित स्थल की नापी भी करा ली गई। वाराणसी के चर्चित कलाकार प्रभाकर सिंह द्वारा डिजाइन की गई यह प्रतिमा वाराणसी और चंदौली के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक स्वरूप को और मजबूती से उभारने का काम करेगी।
बीएलडब्ल्यू के कबाड़ से निर्मित यह प्रतिमा लगभग 12 फीट ऊंची और करीब 900 किलो वजनी होगी। इसे सड़क किनारे इस तरह लगाया जाएगा कि यह आने-जाने वालों के लिए ध्यान और आत्मशांति का प्रतीक बने। इसके अलावा सौंदर्य बढ़ाने के लिए कोटा के पीले पत्थरों का बेस बनाया जाएगा और चारों ओर दुरंता इरेक्ट व बोगन बेलिया के पौधे लगाए जाएंगे। रात्रि में इसे आकर्षक एलईडी लाइटों से भी रोशन किया जाएगा।
वाराणसी विकास प्राधिकरण के अधिकारियों के अनुसार, यह प्रतिमा सिर्फ एक सजावटी मूर्ति नहीं बल्कि शहर में प्रवेश करने वाले लोगों के लिए ध्यान, साधना और आत्मशांति का संदेश देने वाली प्रतीकात्मक कृति होगी। पड़ाव क्रॉसिंग जैसा व्यस्त चौराहा इसके लिए चुना गया है ताकि अधिक से अधिक लोग इसे देखें और वाराणसी को एक वैश्विक ध्यान केंद्र के रूप में पहचानने में मदद मिले।
अधिकारियों ने बताया कि बीएलडब्ल्यू द्वारा बनाए गए अन्य स्कल्पचर्स को भी वाराणसी और आसपास के अन्य प्रमुख स्थलों पर लगाने की योजना बनाई गई है। पूरी प्रक्रिया की उच्चाधिकारियों द्वारा सतत निगरानी की जा रही है और पड़ाव क्रॉसिंग पर प्रतिमा की स्थापना इसी श्रृंखला का एक अहम हिस्सा है।
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