अब ऐसे मिलेगी सरकारी स्कूल के अध्यापकों को छुट्टी, यह भी करना होगा काम
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सरकारी स्कूलों में अधिक पारदर्शिता लाने के लिहाज से उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ऑनलाइन छुट्टी के आवेदन की व्यवस्था शुरू कर रही है। राज्य सरकार एक ऐप लेकर आ रही है जो शिक्षकों, सहायकों और अन्य कर्मचारियों को छुट्टियों के लिए ऑनलाइन आवेदन करने के अलावा और भी कई मामलों में पारदर्शिता लाने में मदद करेगी। मौजूदा प्रणाली सिर्फ 30 सितंबर तक लागू रहेगी उसके बाद शिक्षकों को छुट्टियों के लिए आवेदन ऑनलाइन ही करना होगा। राज्य सरकार ने अपने श्रेष्ठ शैक्षणिक सुधारों की जानकारी केंद्र सरकार को भी दी है। अन्य राज्य सरकारों के साथ भी बेस्ट प्रेक्टिसेज को साझा करने पर मंथन हो रहा है।
सूत्रों के मुताबिक राज्य में सिंगल डे कैजुअल लीव (सीएल) के मामले में स्कूल स्टाफ को प्रेरणा ऐप के माध्यम से आवेदन करना होगा। आवेदन अपलोड होने के बाद ब्लॉक शिक्षा अधिकारी (बीईओ) को छुट्टी मंजूर करनी होगी। यदि बीईओ छुट्टी की मंजूरी नहीं देते हैं, तो यह छुट्टी स्वीकार कर ली जाएगी। यदि आकस्मिक अवकाश चार दिनों से अधिक है तो बीईओ की स्वीकृति आवश्यक है। एकल शिक्षक स्कूलों के शिक्षक जब अवकाश पर जाएंगे तो ब्लॉक शिक्षा अधिकारी को अन्य शिक्षक की व्यवस्था करनी होगी। मेडिकल अवकाश के लिए इस ऐप में आवेदन के साथ चिकित्सा प्रमाणपत्र ऑनलाइन अपलोड करने का विकल्प होगा।
शिक्षकों को स्कूल की शुरुआत, दोपहर के भोजन के समय और स्कूल के बंद होने के समय में भी छात्रों के समूह के फोटो अपलोड करने होंगे। महिला शिक्षकों को पुरुष शिक्षकों के साथ सेल्फी अपलोड करने की कोई बाध्यता नहीं हैं, वे स्कूल में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए अलग से सेल्फी अपलोड कर सकती हैं।
यह ऐप मिड-डे मील के लिए बच्चों की संख्या को ट्रैक करने में भी मदद करेगा। स्कूलों के शिक्षकों को प्रेरणा ऐप के माध्यम से बच्चों के फोटो अपलोड करने होंगे। इसके आधार पर मध्याह्न भोजन का पैसा जारी किया जाएगा। ऐप के माध्यम से शिक्षकों की उपस्थिति पर भी नजर रखी जाएगी।
बुनियादी संसाधनों जैसे पानी, फर्श, ब्लैकबोर्ड, शौचालय, हाथ धोने, रैंप, रेलिंग, सीमा, विकास योजना, बिजली, साबुन, सफाई, खेल का मैदान, फर्नीचर, आदि के बारे में अन्य जानकारी भी ऐप के माध्यम से अपलोड की जाएगी। जिला और ब्लॉक स्तर की टास्क फोर्स को भी एप्प के माध्यम से हर महीने स्कूलों की ऑनलाइन निरीक्षण रिपोर्ट प्रदान करना आवश्यक है। एक महीने में कम से कम 5 स्कूलों का निरीक्षण अनिवार्य होगा।
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