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बैंक से पेंशन लेने वाले जरूर पढ़ें खबर : 3 माह तक बैंक नहीं निकाली पेंशन तो हो सकता है ऐसा एक्शन

पेंशनरों को हर साल नवंबर माह में जीवित प्रमाण पत्र जमा करना अनिवार्य किया गया है। यह प्रमाणपत्र न देने की स्थिति में पेंशन अस्थायी रूप से बंद की जा सकती है।
 

अब 3 माह तक पेंशन न निकाली तो बैंक को देनी होगी रिपोर्ट

जीवित प्रमाण पत्र अनिवार्य, नहीं देने पर रुक सकती है पेंशन

बिना निकासी वाले खातों की होगी जांच और सत्यापन

कोषागार को भेजी गई मिर्जापुर के पेंशनरों की सक्रियता सूची

प्रदेश सरकार ने पेंशन वितरण प्रणाली को पारदर्शी और गड़बड़ी रहित बनाने के लिए एक नई व्यवस्था लागू की है। अब अगर किसी पेंशनर के खाते से तीन माह तक पेंशन की राशि नहीं निकाली जाती है, तो संबंधित बैंक को इस बाबत जानकारी कोषागार विभाग को देनी होगी। यह कदम उन मामलों को रोकने के लिए उठाया गया है, जहां पेंशनर की मृत्यु या अन्य कारणों से राशि निकलना बंद हो जाता है लेकिन बैंक और कोषागार को जानकारी नहीं मिलती।

पेंशनरों की सूची भेजी गई बैंकों को

मुख्य कोषाधिकारी अर्चना त्रिपाठी ने बताया कि मीरजापुर जनपद के सभी राष्ट्रीयकृत बैंकों के शाखा प्रबंधकों को इस संबंध में पेंशनरों की सूची उपलब्ध कराई गई है। बैंक यह जांच करेंगे कि किन खातों से लगातार तीन माह से अधिक समय तक कोई निकासी नहीं हुई है।

तीन माह निकासी न होने पर होगी पुष्टि

यदि कोई खाता तीन माह से निष्क्रिय पाया जाता है, तो बैंक उस खाते की जानकारी कोषागार को देगा। कोषागार अधिकारी उस पेंशनर से संपर्क कर जीवित होने की पुष्टि करेंगे, जिसके बाद ही पेंशन की अगली किस्त जारी की जाएगी।

जीवन प्रमाण पत्र जमा करना अनिवार्य

पेंशनरों को हर साल नवंबर माह में जीवित प्रमाण पत्र जमा करना अनिवार्य किया गया है। यह प्रमाणपत्र न देने की स्थिति में पेंशन अस्थायी रूप से बंद की जा सकती है। प्रमाण पत्र मिलने के बाद पेंशन पुनः शुरू की जाएगी।

संयुक्त खाते को लेकर सख्ती

सरकार ने पेंशन खातों को लेकर भी सख्ती बरती है। अब पेंशन खाता केवल पति-पत्नी के संयुक्त नाम पर ही मान्य होगा। यदि किसी अन्य रिश्तेदार या तीसरे व्यक्ति के साथ संयुक्त खाता है, तो उसे निरस्त कर एकल खाता बनाना अनिवार्य होगा।

मृत्यु की जानकारी देना अनिवार्य

अगर किसी पेंशनर की मृत्यु हो जाती है तो उसके परिजनों या बैंक को मृत्यु प्रमाणपत्र के साथ कोषागार को जानकारी देनी होगी। इससे अवशेष पेंशन राशि की वसूली और प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहेगी।

बैंकों को मिली निगरानी की जिम्मेदारी

लीड डिस्ट्रिक्ट मैनेजर (एलडीएम) अभिषेक कुमार ने बताया कि सभी शाखा प्रबंधकों को अपने-अपने क्षेत्रों के पेंशन खातों की नियमित निगरानी और सत्यापन करने का निर्देश दिया गया है।

पारदर्शिता और सुरक्षा की दिशा में बड़ा कदम

कोषागार विभाग के इस निर्देश का उद्देश्य पेंशनरों की वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करना और धोखाधड़ी की घटनाओं को रोकना है। यह व्यवस्था जून 2025 से प्रभावी कर दी गई है।

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