नहीं मिल रहे हैं ट्रेनों के टिकट, कैसे त्यौहार व शादी में घर लौटें रेलमंत्री जी…!
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जैसे जैसे दीपावली, डाला छठ और लगन की तारीखें नजदीक आ रही हैं। अपने शहर व गांव से दूर रोजी रोजगार के चक्कर में गए लोगों के लिए घर पहुंचना मुश्किल होता जा रहा है। ताजा स्थिति यह है कि अहमदाबाद, दिल्ली, चेन्नई, मुंबई सहित अन्य स्थानों से पीडीडीयू नगर, आरा, पटना, गया सहित बिहार के इलाके में आने के लिए मात्र क्लोन ट्रेनें ही एकमात्र सहारा रह गयी हैं।
लोगों का कहना है कि इनमें भी रिजर्वेशन की शुरूआत होते ही सीटें तत्काल भर जा रही हैं। राजधानी सहित अन्य कुछ स्पेशल ट्रेनों में सिर्फ फर्स्ट और सेकेंड एसी की सीटें खाली हैं, बाकी सबका बुरा हाल है।
जैसा कि सर्वविदित है कि पूर्वांचल से बड़े पैमाने पर लोग महानगरों में रोजगार के लिए बसे हैं। कोरोना काल के दौरान श्रमिक वापस लौटे थे लेकिन बड़ी संख्या में वे वापस भी लौटे हैं। अब दीपावली, छठ और लगन में शामिल होने के लिए लौटना चाह रहे हैं लेकिन ट्रेनों में सीट फुल हैं।
हालांकि कोरोना के बाद रेलवे ने फेस्टिवल स्पेशल ट्रेनें चलाई है। बावजूद इसके डाउन की ट्रेनों में नवंबर माह में सीट मिलनी मुश्किल दिख रही है। दिल्ली, अहमदाबाद से आने से के लिए क्लोन हमसफर एक्सप्रेस ट्रेनों में दस दिन पहले आरक्षण मिल रहा है, लेकिन इसके लिए भी यात्रियों को लाइन लगानी पड़ रही है। इसका कारण है कि आरक्षण शुरू होते ही सीट फुल हो जा रही हैं।
अन्य फेस्टिवल ट्रेनों में अहमदाबाद से पीडीडीयू नगर के लिए अहमदाबाद मुजफ्फरपुर एक्सप्रेस में 14 और भावनगर आसनसोल एक्सप्रेस मे आठ दिसंबर के बाद ही सीटें उपलब्ध हैं। दिल्ली के आने के लिए नीलांचल, महानंदा, कामाख्या नई दिल्ली, महाबोधि, पुरुषोत्तम सहित अन्य ट्रेनों में दिसंबर के पहले सीट उपलब्ध नहीं है।
वहीं चेन्नई से आने के लिए गया एक्सप्रेस में 24 नवंबर के बाद, यशवतंपुर दानापुर एक्सप्रेस में 19 नवंबर और संघमित्रा एक्सप्रेस में पांच दिसंबर के बाद ही सीट उपलब्ध है। यही हाल मुंबई से आने वाली ट्रेनों का हाल है।
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