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संस्कृत पढ़ने वाले बच्चों को भी मिलेगी अब ऑनलाइन छात्रवृत्ति, आ गया है सरकारी आदेश

डीआईओएस ने यह भी बताया कि यह निर्देश 06 जून 2025 को एनआईसी लखनऊ में वरिष्ठ निदेशक (आईटी) के साथ हुई बैठक के बाद जारी हुआ है, जिसका उद्देश्य संस्कृत शिक्षा को डिजिटल छात्रवृत्ति पोर्टल से जोड़ना और अधिक से अधिक छात्रों को पारदर्शी प्रणाली के तहत लाभ देना है।
 

संस्कृत शिक्षा से जुड़े छात्रों को मिलेगी ऑनलाइन छात्रवृत्ति

स्कॉलरशिप पोर्टल के जरिए दिया जाएगा लाभ

डीआईओएस दल सिंगार यादव ने दी है इसकी जानकारी

चंदौली जिले में अब संस्कृत विद्यालयों व महाविद्यालयों के छात्रों को भी उत्तर प्रदेश सरकार की ऑनलाइन छात्रवृत्ति योजना का लाभ मिलेगा। उत्तर प्रदेश माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद से सम्बद्ध सहायता प्राप्त एवं गैर-सहायता प्राप्त संस्कृत माध्यमिक विद्यालयों तथा सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय के सभी विद्यालयों को इसमें शामिल किया जा रहा है। शासन द्वारा निर्देशित इस नई पहल की जानकारी जिला विद्यालय निरीक्षक चंदौली दल सिंगार यादव ने दी है। 

जिला विद्यालय निरीक्षक चंदौली दल सिंगार यादव ने  बताया कि प्रदेश सरकार ने https://scholarship.up.gov.in पोर्टल के माध्यम से संस्कृत शिक्षा से जुड़े विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति देने का निर्णय लिया है।

बताते चलें कि डीआईओएस श्री यादव ने बताया कि यह योजना उत्तर प्रदेश माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद से सम्बद्ध सहायता प्राप्त एवं गैर-सहायता प्राप्त संस्कृत माध्यमिक विद्यालयों तथा सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी से मान्यता प्राप्त संस्कृत महाविद्यालयों के लिए लागू की गई है। इसके अंतर्गत अब इन संस्थानों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राएं भी डिजिटल माध्यम से छात्रवृत्ति हेतु आवेदन कर सकेंगे।

इस व्यवस्था के प्रभावी संचालन हेतु समस्त विद्यालयों और महाविद्यालयों से कक्षावार छात्र संख्या, संस्थान का नाम, प्राचार्य का नाम, मोबाइल नंबर एवं ईमेल आईडी की जानकारी निर्धारित प्रारूप में मांगी गई है। यह विवरण MS Word फॉर्मेट में ईमेल (desanskrit@gmail.com) और व्हाट्सएप नंबर 9140043806 पर भेजना अनिवार्य किया गया है।

डीआईओएस ने यह भी बताया कि यह निर्देश 06 जून 2025 को एनआईसी लखनऊ में वरिष्ठ निदेशक (आईटी) के साथ हुई बैठक के बाद जारी हुआ है, जिसका उद्देश्य संस्कृत शिक्षा को डिजिटल छात्रवृत्ति पोर्टल से जोड़ना और अधिक से अधिक छात्रों को पारदर्शी प्रणाली के तहत लाभ देना है।

उन्होंने जिले के सभी संस्कृत विद्यालयों और महाविद्यालयों से अपील की है कि वे जल्द से जल्द आवश्यक विवरण भेजें, ताकि पात्र छात्रों को समय पर छात्रवृत्ति का लाभ मिल सके।

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