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कैसे चलाएं खर्च व कैसे खरीदें हरी साग-सब्जी, बढ़ते जा रहे हैं दाम

उत्तर प्रदेश में सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं। दैनिक जीवन में खाने पीने की चीजों के दाम में बढ़ोतरी के साथ साथ साग सब्जियों के दाम में बेतहाशा वृद्धि हो गई है
 

हरी साग-सब्जी के बढ़ते जा रहे हैं दाम 

कैसे चलाएं खर्च जनता है परेशान  

चंदौली जिले ही नहीं पूरे उत्तर प्रदेश में सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं। दैनिक जीवन में खाने पीने की चीजों के दाम में बढ़ोतरी के साथ साथ साग सब्जियों के दाम में बेतहाशा वृद्धि हो गई है। अब तो लोग सब्जी खरीदने के पहले अपनी जेब टटोलने को मजबूर हो रहे हैं। दैनिक जीवन में इस्तेमाल होने वाला टमाटर भी शतक लगाने के करीब पहुंचने वाला है। चंदौली जिले में टमाटर की कीमत लगभग 60 से 80 रुपए तक पहुंच गई है।


कहा जा रहा है कि चंदौली जिले के बाजारों में टमाटर जहां 80 रुपये किलो है तो पालक भी 40 के पार बिक रहा है। इससे धीरे धीरे गरीबों की थालियों से हरी साग सब्जियां भी गायब हो रही हैं। जिले में प्याज भी 35 से 40 रुपये किलो बिक रहा है। इससे गृहिणियां घर का बजट संभालने में ही परेशान हैं। आमतौर पर सब्जी के दाम महंगे होने के चलते विक्रेता उतनी ही सब्जियां मंडी से उठा रहे हैं, जितनी बिक जाएं। लोगों की मानें तो बड़े व्यापारी एवं फुटकर विक्रेता मनमाने रेट पर सब्जियां बेच रहे हैं। 

रामगोपाल यादव ने कहा कि ऐसा लगता है कि सरकार के नेता व मंत्री अपनी जेब से पैसा खर्च करके हरी साग सब्जी नहीं खरीदते हैं। शायद इसीलिए उनको बाजार का रेट नहीं मालूम है। हर दिन महंगाई बढ़ती जा रही है और ये लोग कुछ करने को तैयार नहीं हैं।

Vegetable Price Hike

जिउत विश्वकर्मा का कहना है कि दिनभर मेहनत मजदूर करके 2 ढाई सौ मिलता है तो उसमें लगभग 100 रुपए साग-सब्जी के चक्कर में खर्च हो जा रहे हैं। चार पांच लोगों का परिवार चलाने के लिए एक किलो आलू, आधा किलो प्याज व एक पाव टमाटर के साथ एक सब्जी तो चाहिए ही। इसमें लगभग 100 रुपए खत्म हो जा रहे हैं। बाकी राशन अलग से ले रहे हैं। कैसे जी रहे हैं यह हम लोग ही जानते हैं।

दीनानाथ पांडेय का कहना है कि पहले माल दबाकर दाम बढ़ाने वालों पर कार्रवाई होती थी और छापेमारी की जाती थी, लेकिन भाजपा सरकार में यह सब केवल कागजों में हो रहा है और मनमाने रेट पर सामान बेचे जा रहे हैं। साग-सब्जियों पर ऐसा लगता है कि सरकार व प्रशासन की कोई लगाम ही नहीं है।

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