इन महिलाओं को भी किया अपने अभियान में शामिल ,राघवेंद्र कुमार
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देश में जिन औरतों को मानवता को शर्मशार करने वाले वैश्यावृत्ति के धंधे को देश की जनता द्वारा हिकारत भरी नजरों से देखा जाता है, उन्हीं औरतों के इस मजबूरीवश किए जाने वाले घृणित धंधे को देश और दुनिया में हैल्मेट मैन के नाम से मशहूर राघवेंद्र कुमार अपने अलग ही नजरिए से देखते हैं।
हैल्मेट मैन राघवेंद्र कुमार ने इस संवाददाता को बताया कि उनके पास एक वैश्या का फोन आता है और वो अपने बच्चे के लिए पुस्तक की मांग करती है जब राघवेंद्र कुमार ने उसका परिचय दिल्ली में देह व्यापार के नाम पर बदनाम इलाका रेड अलर्ट एरिया जी.बी. रोड़ का होना बताया और उसके बच्चे की आवश्यकता के बारे में सुना तो आवाक रह गए और बोले कि उस इलाके में तो उनका ऐसा कोई प्रावधान नहीं है और मेरे नंबर आपको कहां से मिले तो वो अपने पास आए हुए ग्राहक का हवाला दिया कि उसके बच्चे की आवश्यकता यही व्यक्ति निशुल्क पूरी कर सकता है। और जब आगे उस वैश्या ने अपने जीवन की मार्मिक कहानी सुनाई तो वो स्तब्ध रह गए।
उस वैश्या ने बताया कि एक साल की उम्र में उसकी मां का देहांत हो गया था और आठ साल की उम्र में परवरिश करने वाले उसके पिता के सर पर हैल्मेट नहीं होने की वजह से दुर्घटना में मौत हो गई थी। आगे उसका लालन-पालन उसके चाचा चाची ने किया था और 13 साल की उम्र में ही उसके चाचा चाची ने उसकी शादी कर दी और वो अपने पति के साथ रहने लगी और एक साल तक रही पर किस्मत को शायद कुछ और ही मंजूर था कि सात फेरे कर शादी करके सात जन्मों का साथ निभाने वाले पति ने दिल्ली की बदनाम गलियों से अंजान उसे जी.बी. रोड़ पर कोठे पर बेच दिया। और वो तभी से इसे नियति का खेल मानकर नारकीय जीवन बिता रही है। पर वो नहीं चाहती कि अशिक्षा के चलते उसकी बच्ची भी हवशी नारी की देह के दलालों के चंगुल में फंसकर इस राह में पड़े।
यह दर्दनाक कहानी इस अकेली औरत की ही नहीं है। इसके जैसी कई अनगिनत औरतें और भी हैं जो देह व्यापार में लिप्त होकर सही मार्गदर्शन नहीं मिलने की वजह से नारकीय और अभिशप्त जीवन जी रही है। इस औरत की दर्दनाक हक़ीक़त सुनकर राघवेंद्र कुमार के दिल में अंदर तक कचोट गई और राघवेंद्र कुमार ने आगामी 8 मार्च महिला दिवस पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम एक वैश्या को ही मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया है।
राघवेंद्र कुमार का यह सराहनीय कदम इस गंदे दल-दल में फंसी महिलाओं को समाज की मुख्य धारा में लाने का सकारात्मक और ठोस प्रयास होगा इसमें कोई संदेह नहीं है। देश और दुनिया भर में आमजन की घृणा का पात्र बनी वैश्याओं को हैल्मेट मैन राघवेंद्र कुमार अगामी 8 मार्च 2020 महिला दिवस पर को होने वाले जनहित के कार्यक्रम में अपने आयोजन का हिस्सा बना रहे हैं। जो शायद देश में पहला अवसर है जब एक वैश्या भी भारत को 100% साक्षर करने एवं आमजन की सुरक्षा हेतु हैल्मेट मैन राघवेंद्र कुमार के इस जनहित के अभियान में आवाज़ उठाएंगी कि अशिक्षा की वजह से देश में किसी भी लड़की को देह व्यापार जैसे घृणित धंधे में ना धकेला जा सके।
वैश्याओं को अपने इस अभियान में शामिल करके राघवेंद्र कुमार देश और समाज को यह संदेश देना चाहते हैं कि देश में कोई भी महिला या पुरुष किसी भी अनैतिक कार्य में अपनी स्वैच्छा से नहीं आता है बल्कि उसके पीछे उनकी कोई ना कोई मजबूरी अवश्य होती हैं। जिसे शायद कोई इंसान नहीं समझ पाता है। मगर एक बात जरूर है कि देश और दुनिया की मुख्य धारा से कट चुके महिला और पुरुष की भावनाओं को हैल्मेट मैन राघवेंद्र कुमार ने अपने दिल से भलीभांति समझा है। जिन महिलाओं को देश और समाज में नफरत भरी नजरों से देखा जाता है उन्हीं महिलाओं को अपने इस अभियान में शामिल करके एक नया किर्तिमान स्थापित किया है। जो वाकई काबिले तारीफ है और उन लोगों के लिए भी कड़ा संदेश हैं जो इन महिलाओं को हिकारत भरी नजरों से देखते हैं।
वाकई हैल्मेट मैन राघवेंद्र कुमार की इंसानियत और मानवता के प्रति सकारात्मक सोच को हर कोई सलाम करने को आतुर हैं। हैलमेट मैन राघवेंद्र कुमार ने दिल्ली पुलिस की मदद से महिला दिवस पर 8 मार्च को दोपहर 1:00 बजे से एंग्लो एरेबिक स्कूल अजमेरी गेट न्यू दिल्ली के पास कार्यक्रम का आयोजन करना तय किया है। राघवेंद्र कुमार का मकसद भारत सरकार को संदेश देना है कि कैसे किसी के पिता की सड़क दुर्घटना में मौत हो जाती है बचपन में मां का साया उठ जाता है और हाथों में किताब उठाने का समय आता है तो सड़क दुर्घटना में पिता की जान चली जाती हैं और समाज में लोग सिर्फ अपनी बहन बेटियों की इज्जत करना जानते हैं गैरों की लड़कियों को बोझ समझ कर देह व्यापार के बाजार में धकेल देता है। आज भारत में 36% लड़कियां शिक्षा नहीं ले पाती हैं और इसका कारण है भारत के 73 साल आजादी के बाद भी देश में सभी लोग साक्षर नहीं हुए हैं।
शिक्षा के अभाव में 90 लाख महिला कोठे की शिकार होकर किसी तहखाने में बंद होकर नारकीय जीवन व्यतीत कर रही है। हैलमेट मैन राघवेंद्र कुमार अपने अभियान में ऐसे कई सारे लोगों को अपने कार्यक्रम का मुख्य अतिथि बना चुके हैं जिन्हें समाज में उनको हेय दृष्टि से देखा जाता है। हर साल महिला दिवस पर भारत में कई जगह जो सेलिब्रिटी होती है उन्हें सम्मानित किया जाता है. लेकिन समाज में ऐसे निचले वर्ग की महिला को सम्मान की दृष्टि से सोचना दूर की बात इन्हें कोई सुनना भी पसंद नहीं करता है। अगर भारत को 100% साक्षर करना और सड़क दुर्घटना को रोकने के लिए हमें सभी वर्ग को एक साथ मिलकर चलना होगा। सड़क पर बिना हेलमेट चलने वालों को ऐसी महिला एक गुलाब देकर उन्हें हेलमेट देंगी ताकि भविष्य में बिना हैलमेट चलने वालों की मौत ना हो।
हैल्मेट मैन राघवेंद्र कुमार ने इस संवाददाता भैरू सिंह राठौड़ को विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि एक वैश्या का देश की जनता को यह संदेश देना होगा कि उनके घर में भी बच्चे हैं अगर वह अनाथ हो गए तो कहीं उनकी जैसी दूसरी कोई और लड़की की जिंदगी नरक बन कर देह व्यापार के बाजार की वेश्या ना बने। अगर यह शिक्षित होती तो आज अपने पैरों पर खड़े होकर नौकरी के साथ समाज को आगे बढ़ाने का कार्य करती। राघवेंद्र कुमार ने आमजन को यह संदेश देते हुए कहा कि अगर वो भी इस कार्य में योगदान देना चाहते हैं तो कोई भी पुरानी पुस्तक लेकर जरूर आएं और अपनों की सुरक्षा के लिए हैलमेट ले जाए और आपकी पुरानी पुस्तक से जो महिला रेड लाइट एरिया में है उनके बच्चे को शिक्षा में योगदान मिलेगा और हमारा देश 100% साक्षर होकर शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी कतार में खड़ा होगा।
वाकई हैल्मेट मैन राघवेंद्र कुमार के इन जनहित के कार्यों में आमजन को कंधे से कंधा मिलाकर साथ चलना चाहिए। राघवेंद्र कुमार के हौसले और जज्बे को सौ-सौ सलाम है कि कोई इंसान आमजन से बिना कुछ लिए निस्वार्थ भाव से दूसरों की जिंदगी बचाने में सार्थक प्रयास कर रहे हैं। अब वो दिन दूर नहीं जब राघवेंद्र कुमार के हौसलों की उड़ान के आगे देश में शिक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में देश की सुरत और सीरत निःसंदेह बदलके रहेगी।
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