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ओवरलोडिंग का खेल रोकना चंदौली जिले के प्रशासन व पुलिस के बस की बात नहीं..?

tds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_show चंदौली जिले में ओवरलोडिंग का खेल अफसरों की नाक के नीचे चलता रहता है। क्षमता से अधिक बालू लदे ट्रक धड़ल्ले से जिले की सीमा में प्रवेश करते हैं और एक जिले से दूसरे जिले में जाते रहते हैं। इससे एक ओर जहां सड़कें तो खराब हो ही रही हैं। साथ ही हाईवे के पुलों
 
ओवरलोडिंग का खेल रोकना चंदौली जिले के प्रशासन व पुलिस के बस की बात नहीं..?

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चंदौली जिले में ओवरलोडिंग का खेल अफसरों की नाक के नीचे चलता रहता है। क्षमता से अधिक बालू लदे ट्रक धड़ल्ले से जिले की सीमा में प्रवेश करते हैं और एक जिले से दूसरे जिले में जाते रहते हैं। इससे एक ओर जहां सड़कें तो खराब हो ही रही हैं। साथ ही हाईवे के पुलों पर भी खतरा मंडराने लगा है। यह सब जानते व देखते हुए पुलिस व प्रशासन के लोग क्यों चुप हैं..यह बात लिखने व बताने की है या लोग खुद ब खुद जानते हैं। नेता-अफसरों के मौन के पीछे क्या है यह हर कोई जानता है और चर्चा करता है..पर कुछ कर नहीं पाते।

ओवरलोडिंग का खेल रोकना चंदौली जिले के प्रशासन व पुलिस के बस की बात नहीं..?

आपको याद होगा कि नौबतपुर में कर्मनाशा नदी पर बना एनएच पुल ओवरलोडिग के चलते पहले ही टूट चुका है। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों की ओर से बिहार व चंदौली प्रशासन को कई बार पत्र भेजकर ओवरलोडिग रोकने की मांग कर चुका है। लेकिन प्रशासन व विभाग उदासीन रवैया अपना रहा। इससे ओवरलोडिग नहीं रुक पा रही है।

रोजाना दर्जनों की संख्या में ओवरलोड ट्रक जिले की सीमा में प्रवेश कर रहे हैं। नौबतपुर में वन विभाग और पुलिस का चेक पोस्ट होने के बावजूद ओवरलोड ट्रकों के आवागमन से प्रशासन की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में है। पुलिस से मिलीभगत कर ट्रकों का आवागमन धड़ल्ले से हो रहा है। इससे दुर्घटनाएं भी हो रही हैं। पिछले दिनों गंजख्वाजा के पास बेलगाम ओवरलोड ट्रक ने ट्रेलर में टक्कर मार दी थी। इससे ट्रेलर चालक की मौत हो गई थी।

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लोगों का कहना है कि उच्चाधिकारियों की सख्ती के बाद दिखावे के लिए और फोटो छपवाने के लिए विभागीय अधिकारी-कर्मचारी कभी-कभार चेकिंग करते हैं। इस दौरान एक-दो दर्जन वाहनों का चालान कर कर्तव्यों की इतीश्री कर ली जाती है। इसके बाद विभाग मौन साध लेता है। इससे सड़कें भी ध्वस्त होने लगी हैं और अधिकारी केवल एक दूसरे को दोष देते रहते हैं।

जिले में सारा ओवर लोडिंग का खेल बालू भंडारण के साथ ही शुरू होता है। ओवरलोडिंग का खुला खेल सत्तापक्ष के कुछ नेताओं की शह पर तो सपा के कुछ पुराने कलाकार लोगों के दम पर होता है । वैसे तो सूबे की योगी सरकार ने सत्ता संभालते ही ओवरलोडिंग पर सख्त रुख अपनाया था, लेकिन जिले में न तो ओवरलोडिग पर कहीं रोक दिख रही। बालू माफिया और सरकारी नुमाइंदों का गठजोड़ के सामने सरकार का हुक्म बौना साबित हो रहा है।

मामले में एआरटीओ प्रवर्तन विजय प्रताप सिंह का दावा है कि प्रवर्तन दल ओवरलोड के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है। हर रोज जांच की जाती है और जुर्माना भी वसूला जाता है। बिहार में खनन शुरू होने से ट्रकों की संख्या बढ़ी है, इस लिए शिफ्टवार जांच कराई जा रही है। जल्द ही इसका असर दिखेगा।

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