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एक महीने में बंदरों ने 25 लोगों को किया जख्मी, इन गांवों में दिख रहा है ज्यादा खतरा

चंदौली जिले में ताराजीवनपुर क्षेत्र के छह से अधिक गांवों में लगभग एक महीने से बंदरों के आतंक से ग्रामीण पूरी तरह सहमे हुए हैं। इसकी शिकायत भी वन विभाग से किया, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई।
 

आए दिन गांव में उत्पात मचा रहे बंदर

एक महीने से जारी है बंदरों का आतंक

अब तक 25 लोगों को कर चुके हैं घायल

 

चंदौली जिले में ताराजीवनपुर क्षेत्र के छह से अधिक गांवों में लगभग एक महीने से बंदरों के आतंक से ग्रामीण पूरी तरह सहमे हुए हैं। इसकी शिकायत भी वन विभाग से किया, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। क्षेत्र के जीवनपुर, कोरी, चंदौलीखुर्द, धमिना, तारापुर सहित अन्य गांवों में पिछले एक महीने से 50 से अधिक बंदर डेरा डाले हैं। आए दिन गांव में उत्पात मचा रहे हैं। 

बताया जा रहा है कि अब तक लगभग 25 लोगों को काटकर जख्मी भी कर चुके हैं। स्थानीय चौराहे स्थित संचालित दुकानों पर बंदर खूब उत्पात मचा रहे हैं। इसकी शिकायत भी कई बार विभागीय अधिकारियों से की गई लेकिन इस पर कोई पहल नहीं की गई। जिसको लेकर बंदरों का आतंक दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि शहर से बंदरों को पकड़कर ग्रामीण एरिया के दूरदराज सिवान में छोड़ दिया जा रहा है। बंदर गांव में आकर उत्पात मचाए हुए हैं। कोरी गांव निवासी राजेश गुप्ता बताते हैं कि पिछले दो महीने से बंदर गांव में पूरी तरह से उत्पात मचाए हुए हैं। छत पर नल की टोटी सहित विभिन्न  सामान तोड़ दे रहे हैं।

 जीवनपुर निवासी बंशीधर त्रिपाठी ने बताया कि स्थानीय चौराहे पर स्थित दुकानों पर आए दिन झुंड में पहुंचकर बंदर दुकान का सामान नुकसान कर दे रहे हैं। जबकि इसकी शिकायत पोर्टल पर भी की जा चुकी है। लेकिन इस ओर किसी का ध्यान नहीं जा रहा है। 

बजरंगी यादव ने बताया कि बंदर आए दिन छोटे-छोटे बच्चों को घायल कर दे रहे हैं, पिछले दिनों गांव में एक महिला छत पर कपड़ा लेने के लिए गई थी की बंदर झुंड बनाकर उनकी तरफ दौड़ पड़े, जिससे गिरकर महिला चोटिल हो गई। प्रीतम कुमार ने बताया कि रात के समय में भी छत के रास्ते आंगन में आकर घर में रखे सामान को नुकसान कर दे रहे हैं। इतना ही नहीं गांव के कई लोगों को काटकर आंशिक रूप से चोटिल भी कर चुके हैं।

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