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ऑपरेशन कन्विक्शन के तहत 5 दोषियों को मिली सजा, साथ में लगाया गया जुर्माना

दूसरा मामला चकिया पुलिस का है जहां पुलिस के द्वारा चलाए जा रहे ऑपरेशन कन्विक्शन अभियान के तहत वैज्ञानिक विवेचना, सशक्त साक्ष्य और लोक अभियोजक की प्रभावी पैरवी के चलते वर्ष 2004 के एक पुराने आर्म्स एक्ट मामले में आरोपी को सजा दिलाई गई है।
 

3 अलग-अलग मामलों में 5 को सजा

ऑपरेशन कन्विक्शन का दिख रहा है असर

मारपीट और अवैध असलहे के आरोपियों को मिली सजा

न्यायालय ने साथ में लगाया जुर्माना

चंदौली जिले के चकिया में ऑपरेशन कन्विक्शन अभियान के तहत चंदौली पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। पुलिस ने कई सालों से लंबित मामलों में ऑपरेशन कन्विक्शन के तहत 5 आरोपियों को सजा सुनायी है। ये तीनों मामले चकिया व बबुरी थाना क्षेत्र के हैं।

पहला मामला वर्ष 2003 के एक पुराने मामले में न्यायालय ने तीन आरोपियों को दोषी करार देते हुए जेल में बिताई गई अवधि की सजा न्यायालय उठने तक की सजा तथा प्रत्येक पर एक-एक हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। जुर्माना न देने की स्थिति में सात दिन का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।

बताते चलें कि यह मामला थाना बबुरी के गांव मवैया का है, जहां 23 अगस्त 2003 को धारा 323 और 504 भादंवि के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। आरोपियों के नाम सोमरा देवी पत्नी कन्हैया, कन्हैया पुत्र प्यारेलाल और सोमारु पुत्र कन्हैया हैं। पुलिस की विवेचना और लोक अभियोजक विपिन बिहारी यादव की प्रभावी पैरवी के चलते यह फैसला आया। माननीय न्यायालय श्री यज्ञेश कुमार सोनकर, अपर सिविल जज (जू0डि0)/जे0एम0 चकिया ने उक्त सजा सुनाई। इस मुकदमे की मॉनीटरिंग उप निरीक्षक आकाश त्रिपाठी और पैरोकार कांस्टेबल रामनरायण द्वारा की गई थी।

दूसरा मामला चकिया पुलिस का है जहां पुलिस के द्वारा चलाए जा रहे ऑपरेशन कन्विक्शन अभियान के तहत वैज्ञानिक विवेचना, सशक्त साक्ष्य और लोक अभियोजक की प्रभावी पैरवी के चलते वर्ष 2004 के एक पुराने आर्म्स एक्ट मामले में आरोपी को सजा दिलाई गई है।

यह मामला थाना बबुरी क्षेत्र का है जहां दिनांक 20 जून 2004 को धारा 3/25 आर्म्स एक्ट के तहत मनोज कुमार भारती पुत्र लाल राय भारती निवासी खरौली थाना चांद जिला भभुआ, बिहार के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया गया था। मामले में प्रभावी पैरवी करते हुए मॉनिटरिंग सेल प्रभारी उपनिरीक्षक आकाश त्रिपाठी, लोक अभियोजक श्री विपिन बिहारी यादव तथा थाना बबुरी के पैरोकार कांस्टेबल रामनारायण ने साक्ष्य प्रस्तुत किए।

इन्हीं साक्ष्यों के आधार पर दिनांक 16 जून 2025 को अपर सिविल जज (जू0डि0)/जेएम, चकिया श्री यज्ञेश कुमार सोनकर ने आरोपी मनोज कुमार भारती को जेल में बिताई गई अवधि की सजा के साथ न्यायालय उठने तक की सजा सुनाई है। साथ ही उस पर ₹2000 का जुर्माना भी लगाया गया है। जुर्माना न अदा करने की स्थिति में 10 दिन का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। यह निर्णय पुलिस की सुदृढ़ विवेचना प्रणाली और अभियोजन की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जो अपराधियों को सजा दिलाने की दिशा में एक सराहनीय प्रयास है।


तीसरा मामला यह मामला शहाबगंज क्षेत्र का है, जिसमें दिनांक 24 मई 2012 को आरोपी प्रहलाद सिंह पुत्र कमला सिंह, निवासी बिठवल थाना बलुआ जनपद चंदौली, के विरुद्ध धारा 4/25 आर्म्स एक्ट के तहत अपराध संख्या 43/2001 पंजीकृत किया गया था। मामले की विवेचना और न्यायिक कार्यवाही के पश्चात दिनांक 17 जून 2025 को अपर सिविल जज (जू.डि.)/जे.एम. चकिया श्री यज्ञेश कुमार सोनकर की अदालत ने आरोपी को जेल में बिताई गई अवधि को सजा के रूप में मान्य करते हुए 1500 रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है। अर्थदंड अदा न करने की स्थिति में 10 दिन का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।

इस मामले में प्रभावी पैरवी हेतु मानिटरिंग सेल प्रभारी उपनिरीक्षक आकाश त्रिपाठी, श्री विपिन बिहारी यादव (लोक अभियोजक) एवं थाना शहाबगंज के पैरोकार कांस्टेबल अमित कुमार की भूमिका सराहनीय रही। चंदौली पुलिस द्वारा लगातार पुराने मामलों में न्याय सुनिश्चित करने हेतु "ऑपरेशन कन्विक्शन" के अंतर्गत गंभीरता से कार्य किया जा रहा है।

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