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भागवत कथा सुनने से मन का होता है शुद्धिकरण-- कथावाचक हनुमान दास

युगों में धर्म लाभ एवं मोक्ष प्राप्ति के लिए कड़े प्रयास करने पड़ते हैं, कलियुग में कथा सुनने मात्र से व्यक्ति भवसागर से पार हो जाता है। सोया हुआ ज्ञान वैराग्य कथा श्रवण से जाग्रत हो जाता है। कथा कल्पवृक्ष के समान है, जिससे सभी इच्छाओं की पूर्ति की जा सकती है।
 
श्रीमद‌् भागवत कथा श्रवण से जन्म जन्मांतर के विकार नष्ट हो जाते हैं।

चंदौली जिला के खरौझा गांव में प्रेम रस मानस महायज्ञ समिति के तत्वाधान में बुधवार  को सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के तिसरे दिन वृंदावन मथुरा से पधारे कथावाचक हनुमान दास ने कहा कि कथा की सार्थकता तब सिद्ध होती है जब इसे हम अपने जीवन व व्यवहार में धारण कर निरंतर हरि स्मरण करते रहे। 

उन्होंने कहा कि अपने जीवन को आनंदमय, मंगलमय बनाकर अपना आत्म कल्याण करें। अन्यथा यह कथा केवल मनोरंजन, कानों के रस तक ही सीमित रह जाएगी। भागवत कथा से मन का शुद्धिकरण होता है। इससे संशय दूर होता है और शांति व मुक्ति मिलती है। 

कथावाचक हनुमान दास ने कहा कि श्रीमद‌् भागवत कथा श्रवण से जन्म जन्मांतर के विकार नष्ट हो जाते हैं। जहां अन्य युगों में धर्म लाभ एवं मोक्ष प्राप्ति के लिए कड़े प्रयास करने पड़ते हैं, कलियुग में कथा सुनने मात्र से व्यक्ति भवसागर से पार हो जाता है। सोया हुआ ज्ञान वैराग्य कथा श्रवण से जाग्रत हो जाता है। कथा कल्पवृक्ष के समान है, जिससे सभी इच्छाओं की पूर्ति की जा सकती है।

 बता दें कि हनुमान दास जी कहते हैं कि भागवत पुराण हिन्दुओं के अट्ठारह पुराणों में से एक है। इसे श्रीमद् भागवत या केवल भागवतम् भी कहते हैं। इसका मुख्य विषय भक्ति योग है, जिसमें श्रीकृष्ण को सभी देवों का देव या स्वयं भगवान के रूप में चित्रित किया गया है। इस पुराण में रस भाव की भक्ति का निरूपण भी किया गया है। भगवान की विभिन्न कथाओं का सार श्रीमद‌् भागवत मोक्ष दायिनी है। इसके श्रवण से परीक्षित को मोक्ष की प्राप्ति हुई और कलियुग में आज भी इसका प्रत्यक्ष प्रमाण देखने को मिलते हैं। श्रीमदभागवत कथा सुनने से प्राणी को मुक्ति प्राप्त होती है ।

कथा के दौरान आयोजक पूनम सिंह, जयप्रकाश शर्मा  सौरभ सिंह, गौरव, राजू सिंह, रिमझिम सिंह, श्वेता सिंह आदि श्रोता गण उपस्थित रहे।

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