पराली की चिंगारी ने निकली आगी, हफिजुरहमान के डेढ़ बीघा धान फसल जलकर राख

अपनी पराली जलाने के चक्कर में जलायी दूसरे की फसल
हफिजुरहमान के डेढ़ बीघा फसल जल राख
देखना है कि जिला प्रशासन कैसे करता है पीड़ित की मदद
क्या होती है पराली जलाने वाले पर कार्रवाई
चंदौली जिला के इलिया थाना अंतर्गत भुड़कुड़ा गांव के सिवान में सोमवार की दोपहर आग लग गई। जिससे किसान हफिजुरहमान के खेत में डेढ़ बीघा खड़ी धान की फसल जलकर राख हो गई। ग्रामीणों ने लाठी डंडे से अथक प्रयास कर आग बुझाने में कामयाबी हासिल की। मगर तब तक पूरी फसल जलकर राख हो गयी।
बताते चलें कि भुड़कुड़ा गांव के सिवान में कुछ किसानों ने धान के फसल कटाई के बाद खेतों में पड़े पराली को जलाया था, जिससे निकली चिंगारी बगल में मझुई गांव निवासी हफिजुरहमान के खड़े धान की फसल पर जा गिरी और कुछ ही देर में पूरे डेढ़ बीघा फसल को अपने आगोश में ले लिया। आग लगने के बाद तत्काल सूचना फायर ब्रिगेड को दी गई।
वहीं आनन-फानन में गांव के किसान लाठी डंडा लेकर आग बुझाने में जुट गए। घंटों अथक प्रयास के बाद आग बुझाने में कामयाबी हासिल हुई मगर तब तक पूरी फसल जलकर राख हो गई थी। आग बुझने के बाद पहुंची फायर बिग्रेड बैरंग वापस लौट आई। आग लगने से किसान हफिजुरहमान को खाने के लिए अनाज तथा पशुओं के चारे का संकट उत्पन्न हो गया है।
विदित हो कि खेतों में पराली जलाने की रोक के बाद भी बहुत से किसान पराली जलाने से बाज नहीं आ रहे हैं। जबकि पराली जलाने पर दंड का प्रावधान निर्धारित किया गया है। वहीं कृषि विभाग भी खेतों में पराली जलाने पर खेत की उर्वरा शक्ति नष्ट होने का बराबर चेतावनी दे रहा है। बावजूद लोग पराली जलाने से बाज नहीं आ रहे हैं। जिससे किसानों की फसल जल रही है और खेतों की उर्वरा शक्ति भी नष्ट होती जा रही है। ऐसे में किसान जागरूक होकर पराली जलाने पर रोक नहीं लगाएंगे तो उन्हें चौतरफा नुकसान भी उठाना पड़ सकता है।

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