देश के युवा किसी के बहकावे में ना आए, देश में आग में लगाने की जगह देशभक्ति का जज्बा दिखाएं : डॉ परशुराम सिंह
देश का रक्षक सेना का जवान होता है। उसके अंदर देशभक्ति का जज्बा कूट-कूट कर भरा रहता है। देशभक्ति का जज्बा तथा देश की रक्षा का संकल्प लेकर वह सेना में भर्ती होने के लिए जाता है। लेकिन यह कैसी देशभक्ति है जो हमारे देश के युवा देश की रक्षा की जगह देश में ही आग लगा रहे हैं। राष्ट्र की धरोहर को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
यह बातें राष्ट्र सृजन अभियान के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं वृक्ष बंधु डॉ परशुराम सिंह ने रविवार को सैदूपुर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कही। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा युवाओं के साथ धोखा करना नहीं, बल्कि उनके भविष्य को सवांरना है। जिस तरह 35 की उम्र तक सेना की नौकरी देने का था, उसी तरह 23 की उम्र तक सेना की नौकरी देना है। 4 वर्ष की सेवा के बाद रिटायरमेंट पर सेवा निधि और पैकेज मिलेंगे। तथा योग्यता मापदंड के आधार पर 25 परसेंट युवाओं को स्थाई नौकरी भी देने का प्रावधान है। इसके अलावा प्राइवेट नौकरियों में भी कई तरह की छूट प्रदान की गई है।
उन्होंने देश के युवाओं का अपील करते हुए कहा है कि वह किसी भी राजनीतिक दल या किसी असामाजिक तत्वों के बहकावे में आकर देशभक्ति के जज्बे को ना भूलें। मातृभूमि की रक्षा का संकल्प को याद करें और राष्ट्र को किसी तरह का क्षति पहुंचाने के पहले एक बार दिल से सोच लें, क्योंकि किसी के बहकावे में आकर किया गया कार्य कभी खुद का भला और राष्ट्र का हित नहीं कर सकता। इसलिए देश के जवानों उठो और देशभक्ति के जज्बे को सलाम करते हुए अग्निबीर की भर्ती का हिस्सा बनों।
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