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संस्कृति और सभ्यता के संरक्षण की उत्प्रेरक है खखड़ा की दुर्गापूजा

श्री श्री दुर्गा पूजा समिति खखड़ा द्वारा माँ और उनके दरबार को इस तरह सजाया गया है कि वहां का श्रृंगार देखते ही बन रहा है। वहां पर रंग-बिरंगी रोशनी की गयी है।
 

भव्य पंडाल में देवी के महिषासुर मर्दिनी स्वरूप की स्थापना

 

चंदौली जिले के शहाबगंज विकास क्षेत्र के खखड़ा गांव की दुर्गापूजा क्षेत्रीय संस्कृति और सभ्यता के संरक्षण के लिए उत्प्रेरक के रूप में कार्य कर रही है। यहाँ के दुर्गा पूजा पंडाल में आयोजित कार्यक्रमों और धार्मिक विधि-विधानों के माध्यम से नयी पीढ़ी सनातन संस्कृति के मूल्यों से परिचित होती है।

वर्ष 1992 से शुरू हुई इस दुर्गापूजा का समीपवर्ती गाँवों के लोगों को भी इंतजार रहता है। यहाँ शारदीय नवरात्र की सप्तमी तिथि को देवी प्रतिमा की स्थापना और प्राण-प्रतिष्ठा की जाती है। गाँव की इस परम्परा के अनुरूप श्रद्धालुओं और देवी के उपासकों ने रविवार शाम को गाँव के प्राथमिक विद्यालय परिसर में बनाये गये, भव्य पंडाल में देवी प्रतिमा की स्थापना की। देवी के महिषासुर मर्दिनी स्वरूप के साथ ही उनके पूरे परिवार की प्राण-प्रतिष्ठा की गयी है।

श्री श्री दुर्गा पूजा समिति खखड़ा द्वारा माँ और उनके दरबार को इस तरह सजाया गया है कि वहां का श्रृंगार देखते ही बन रहा है। वहां पर रंग-बिरंगी रोशनी की गयी है। प्रथम दिवस देवी भजनों के साथ ही माँ के स्वरूप की आरती की गयी। इस अवसर पर भक्ति-भाव में डूबे नजर आये। देर तक पूजा-पाठ के बाद प्रसाद वितरण किया गया। कई निकटवर्ती गाँवों के लोग भी पूजा में शामिल हुए।

कार्यक्रम में समिति के अध्यक्ष देवेन्द्र सिंह, मनीष सिंह, अंशु सिंह, विकास सिंह, सोनू सिंह, सत्येन्द्र सिंह, अनुज सिंह, विशाल सिंह, प्रद्युम्न सिंह, दीपक सिंह, डॉ. गोपाल सिंह, मुख्तार सिंह, राम औतार सिंह समेत बड़ी संख्या में युवाओं और बुजुर्गों ने आयोजन में योगदान किया।

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