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राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सालय गौड़िहार, जहां प्रतिदिन दर्जनों मरीजों का होता है इलाज

केंद्र के प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉक्टर शिवकुमार पटेल कहते हैं कि होम्योपैथिक चिकित्सा भी एलोपैथिक चिकित्सा से किसी भी मामले में कम नहीं है।
 

होम्योपैथिक चिकित्सा से हो रहा लाभ

कई असाध्य रोगों के मरीज होते हैं ठीक

  प्रतिदिन आते हैं 70 से 80 मरीज 


 चंदौली जिला में होम्योपैथिक चिकित्सा मरीजों के लिए काफी कारगर साबित हो रही है। जिसका जीता जाता उदाहरण चकिया विकासखंड के राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सालय (इंद्रपुरवां) गौडिहार में देखने को मिल रहा है। यहां आसपास के गांव के अलावा दूरदराज से भी प्रतिदिन 70 से 80 मरीज इलाज के लिए आते हैं। होम्योपैथिक इलाज से मरीज काफी राहत महसूस कर रहे हैं।

Homeopathic Hospital

  बता दें कि इस चिकित्सालय पर इलाज के लिए आए मरीजों में नंदलाल पुजारी, राममूरत, कुसुम लता, कृष्णदेव सिंह, विश्राम सिंह, लक्ष्मी नारायण सिंह,  उमाशंकर मौर्य, शंकर केशरी, शोभेन्द्र सिंह आदि मरीजों का कहना है कि उन्हें गौडिहार में स्थापित राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सालय से मात्र 1 रुपया की पर्ची पर इलाज तथा दवा बराबर मिल जाती है। होम्योपैथिक इलाज से इन लोगों को काफी राहत मिलती है।

 इन लोगों का मानना है कि होम्योपैथिक चिकित्सा से बेहतर कोई चिकित्सा नहीं है। तथा चिकित्सालय के डॉक्टर के कुशल व्यवहार के चलते इलाज कराने में काफी संतुष्टि प्रदान होती है। तथा इनकी दवाई भी उतनी ही बेहतर कारगर होती हैं।

Homeopathic Hospital

   वहीं केंद्र के प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉक्टर शिवकुमार पटेल कहते हैं कि होम्योपैथिक चिकित्सा भी एलोपैथिक चिकित्सा से किसी भी मामले में कम नहीं है। रोगी द्वारा बताए गए लक्षण के आधार पर दवाओं का सही चयन होने पर होम्योपैथिक दवाएं भी जिह्वा पर जाते ही काम करना शुरू कर देती हैं,और मरीज को तत्काल लाभ मिलना शुरू हो जाता है। 

उन्होंने बताया कि होम्योपैथिक चिकित्सा से कई असाध्य रोगों से ग्रसित मरीजों तथा चर्म रोग, गठिया, सायटिका, गुर्दे की पथरी, गांठ के रोगी को भी ठीक किया जा सकता है।
 

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