जिले का पहला ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टलMovie prime

जो गांव स्वच्छ हो.. मंदिर पर पूजा-पाठ होता हो.. वहां भगवत कृपा बरसती है : कथावाचक जगदीशाचार्य

कथा वाचक जगदीशाचार्य कहते हैं कि विशाला नगरी को पार करके वे सभी मिथिलापुरी पहुँचे। उन्होंने देखा कि नगर के बाहर सुरम्य प्रदेश में एक मनोहर यज्ञशाला का निर्माण किया गया था और वहाँ पर विभिन्न प्रान्तों से आये हुये वेदपाठी ब्राह्मण मधुर ध्वनि में वेद मन्त्रों का सस्वर पाठ कर रहे थे।
 

चंदौली जिला के शहाबगंज विकासखंड अंतर्गत मनकपड़ा गांव में हनुमान मंदिर पर आयोजित 11 दिवसीय संगीत मय श्री रामकथा के सातवें दिन प्रयागराज से पधारे कथावाचक जगदीशाचार्य ने कहा कि जिस गांव मे प्रवेश करने वाला मार्ग साफ सुथरा व सुन्दर हो उस गांव में खुशहाली रहती है।

 उन्होंने कहा कि जब गुरु विश्वामित्र के साथ  राम व लक्ष्मण,का आगमन प्रातःकाल जनकपुरी के लिए हुआ विशाला नगरी में सुन्दर मन्दिर और विशाल अट्टालिकायें शोभायमान हो रही थीं। वहाँ कि बड़ी बड़ी दुकानें, अमूल्य आभूषणों को धारण किये हुये स्त्री-पुरुष आदि नगर की सम्पन्नता का परिचय दे रहे थे। चौड़ी-चौड़ी और साफ सुथरी सड़कों को देख कर ज्ञात होता था कि नगर के रख-रखाव और व्यवस्था बहुत ही सुन्दर और प्रशंसनीय है।

कथा वाचक जगदीशाचार्य कहते हैं कि विशाला नगरी को पार करके वे सभी मिथिलापुरी पहुँचे। उन्होंने देखा कि नगर के बाहर सुरम्य प्रदेश में एक मनोहर यज्ञशाला का निर्माण किया गया था और वहाँ पर विभिन्न प्रान्तों से आये हुये वेदपाठी ब्राह्मण मधुर ध्वनि में वेद मन्त्रों का सस्वर पाठ कर रहे थे। शोभायुक्त यज्ञ मण्डप अत्यन्त आकर्षक था जिसे देख कर राम ने कहा, हे गुरुदेव! इस यज्ञशाला की छटा मेरे मन को मोह रही है और विद्वान ब्राह्मणों के आनन्द दायक मन्त्रोच्चार को सुन कर मैं पुलकित हो रहा हूँ। कृपा करके इस यज्ञ मण्डप के समीप ही हम लोगों के ठहरने की व्यवस्था करें ताकि वेद मन्त्रों की ध्वनि हमारे मन मानस को निरन्तर पवित्र करती रहे। कहने का तात्पर्य यह है कि जो गांव स्वच्छ होगा मन्दिर पर पूजन अर्चन होता रहेगा वहां भगवत कृपा प्राप्त होती है।

इस दौरान शशिकांत पाण्डेय, संतोष कुमार,पारस पाण्डेय, शिवनाथ, आलोक कुमार सिंह,भरत सिंह,सटरु सिंह, योगेन्द्र सिंह, सहित कथा प्रेमी उपस्थित थे।

चंदौली जिले की खबरों को सबसे पहले पढ़ने और जानने के लिए चंदौली समाचार के टेलीग्राम से जुड़े।*