गायत्री परिवार की प्रज्ञा पुराण कथा, विष्णु एवं नारद संवाद का बड़ा सुंदर चित्रण
शांति कुंज हरिद्वार से पधारे व्यास अरुण खंडागले की कथा
देवत्व का उदय एवं धरती पर स्वर्ग अवतरण की दी जानकारी
चंदौली जिले के शहाबगंज में कर्मनाशा नदी के तट पर आयोजित गायत्री परिवार शहाबगंज द्वारा आयोजित 24 कुंडीय गायत्री महायज्ञ एवं पावन प्रज्ञा पुराण कथा के प्रथम दिवस के पहली निशा में शांति कुंज हरिद्वार से पधारे व्यास अरुण खंडागले ने लोकमंगल जिज्ञासा प्रकरण मानव में देवत्व का उदय एवं धरती पर स्वर्ग अवतरण के लिए भगवान विष्णु एवं नारद संवाद का बड़ा सुंदर चित्रण किया।

व्यास जी ने बताया लोक लोकात्तर का भ्रमण करते हुए नारद जी मृत्युलोक में पहुंचे और उन्होंने वहां के मनुष्यों को अनेक प्रकार के दुखों में फंसे हुए देखकर उनके दुख का कारण और निवारण जानने के लिए भगवान विष्णु के पास पहुंचते हैं और भगवान विष्णु से प्रश्न करते हैं कि हे भगवन मृत्यु लोक में रहने वाले मनुष्यों का कैसे उद्धार किया जाय। तब प्रभु विष्णु ने कहा कि भगवान का स्मरण ही सभी दुखों का विस्मरण करता है, जो भक्त सच्चे मन से भगवान का स्मरण करता है। उसके सारे दुख छूट जाते हैं और वह भागवत प्रिय हो जाता है।

इस अवसर पर विरेन्द्र जायसवाल, मुरली रस्तोगी, शिव प्रकाश गुप्त, शारदा मौर्य, सत्यनारायण यादव, रितेश श्रीवास्तव विजयी प्रसाद, मुन्नू गुप्ता, अरुण, शिवकुमार सहित आदि गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
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