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राम कथा में यज्ञ को भंग करने वाले राक्षसों का भगवान राम ने किया वध

रक्षार्थ मुनि विश्वामित्र अयोध्या के महाराज दशरथ के दो पुत्र राम और लक्ष्मण को अपने साथ लाते है। मार्ग में प्रभु श्री राम ताड़का नाम की राक्षसी का वध करते हैं।
 

चंदौली जिला के शहाबगंज विकासखंड अंतर्गत मनकपड़ा गांव में हनुमान मंदिर पर आयोजित 11 दिवसीय संगीतमय रामकथा के पांचवें  दिन प्रयागराज से पधारे कथावाचक जगदीशाचार्य ने कहा कि प्रभु श्री राम ने महात्मा अगस्त ऋषि के दिए श्राप से श्रापित ताड़का राक्षसी का बध कर श्राप से मुक्ति  दिलाया । 

 आपको बता दें कि उन्होंने ताड़का बध का वर्णन करते हुए कहा कि यज्ञ की रक्षार्थ मुनि विश्वामित्र अयोध्या के महाराज दशरथ के दो पुत्र राम और लक्ष्मण को अपने साथ लाते है। मार्ग में प्रभु श्री राम ताड़का नाम की राक्षसी का वध करते हैं। मुनि विश्वामित्र दोनों राजकुमारों को अपने आश्रम में लाकर उन्हें कंद मूलफल का भोजन कराते हैं। प्रात: काल उठ कर दोनों राजकुमार गुरुदेव को प्रणाम कर कहते हैं कि मुनि देव अब आप निडर होकर यज्ञ कीजिए। यह सुन कर आश्रम के सभी मुनि यज्ञ करने लगते हैं। श्रीराम और लक्ष्मण यज्ञ की रखवाली करते हैं। राक्षस यज्ञ भंग करने के लिए आक्रमण करते हैं। श्री राम और लक्ष्मण राक्षसों का नाश कर देते हैं। 

इसके बाद जनकपुरी में धनुष यज्ञ का निमंत्रण मिलने के बाद श्री राम-लक्ष्मण मुनि विश्वामित्र के साथ जनकपुरी के लिए रवाना हो जाते हैं। रास्ते में अहिल्या शिला का उद्धार करते हैं। कथा के दौरान भजनों की प्रस्तुति पर श्रद्धालु भाव विभोर होकर झूम उठे। और राम का जयघोष करते हैं। तत्पश्चात आरती के बाद प्रसाद वितरण किया गया।

   इस दौरान ग्राम प्रधान प्रेम नारायण गुप्ता, विजेन्द्र गुप्ता, कपिलदेव पाण्डेय, राहुल, सुधांशु, प्रिंस पाण्डेय,संजय, शशिकांत पाण्डेय सहित दर्जनों श्रोता उपस्थित थे।

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