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शिव-पर्वती विवाह प्रसंग सुनकर श्रद्धालु झूमे, अमांव गांव में रामकथा का दूसरा दिन

यह घटना इस परमसत्य को उजागर कर रही है कि जीवन में गुरु बिना ईश्वर की प्राप्ति असंभव है। शिव विवाह के अवसर पर बच्चों द्वारा भोलेनाथ, पार्वती और गणों की मनमोहक झांकियां प्रस्तुत की गई। 
 

चंदौली जिले के शहाबगंज क्षेत्र के अमांव गांव में कर्मनाशा नदी के तट पर बाबा मुरलीधर खेल मैदान में चल रहे नौ दिवसीय संगीतमय रामकथा के दूसरे दिन कथावाचक सुश्री आस्था दुबे  ने भगवान भोलेनाथ और मां पार्वती के शुभ विवाह का प्रसंग सुनाते हुए कहा कि जिस प्रकार एक किताब की शुरुआत में लेखक अनुक्रमाणिका को लिखकर किताब का संक्षिप्त विवरण देता है, उसी प्रकार तुलसीदास द्वारा रचित ये शिव विवाह प्रसंग संपूर्ण रामचरितमानस की अनुक्रमाणिका है।

Ramkatha in amaw

शिव विवाह इस बात को दर्शाता है कि मनुष्य राम के चरित्र को तभी जीवन में धारण कर सकता है, जब उसके जीवन में पार्वती रूपी श्रद्धा और शिवरूपी विश्वास का दिव्य समागम होता है। कथा व्यास ने शिव विवाह प्रसंग का रहस्योद्घाटन करते हुए बताया कि मां पार्वती को भगवान भोलेनाथ की प्राप्ति गुरु नारद जी की कृपा द्वारा हुई थी। यह घटना इस परमसत्य को उजागर कर रही है कि जीवन में गुरु बिना ईश्वर की प्राप्ति असंभव है। शिव विवाह के अवसर पर बच्चों द्वारा भोलेनाथ, पार्वती और गणों की मनमोहक झांकियां प्रस्तुत की गई। 

इस मौके पर हौसिला विश्वकर्मा, पारस, शम्भू, मिथिलेश कुमार, अभिषेक वर्मा, मनोज यादव फौजी, राजू, सुनील, सालिक चौहान, समशेर अली, मुन्नाराम, राम गहन यादव, कपिलमुनि, विनोद चौहान आदि भक्त गण उपस्थित रहे।

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