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अजय राय ने किया सीएम को ट्वीट, जिले के लिए मांगी पर्याप्त डीएपी व खाद

यह संकट हर साल रहता हैं, क्योंकि सरकार द्वारा सहकारी समितियों को निर्धारित लक्ष्य से बहुत ही कम आपूर्ति इस संकट की प्रमुख वजह है। किसानों को मजबूरन खुले बाजार से अत्यधिक मंहगी दर पर डीएपी खरीदना पड़ता है।
 

मजदूर किसान मंच के नेता अजय राय सक्रिय

कृभको पर कई दिनों से नहीं है खाद

खाद  न मिलने से किसान परेशान

वैसे तो चंदौली को धान का कटोरा कहा जाता है। लेकिन जिले में डीएपी खाद की भारी किल्लत हैं और प्रशासन के पास खाद की किल्लत को हल करने के लिए कोई ठोस उपाय नहीं कर रही है। खाद की किल्लत किसानों को इतनी है कि दिन भर लाइन सहकारी समितियों पर लगने के बाद भी खाद नहीं मिल पा रही है। इसलिए आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट (आइपीएफ) के राज्य कार्य समिति सदस्य अजय राय ने मुख्यमंत्री को ट्वीट कर तत्काल पर्याप्त मात्रा में डीएपी खाद आपूर्ति सुनिश्चित करने की मांग की है।

आईपीएफ की ओर से प्रेस को जारी बयान में कहा गया है कि रवि फसल की बुवाई की शुरुआत हो गयी है। जहां चन्दौली  जिले के कई इलाके में जहां धान की रोपाई नहीं हुई थी, वहीं गेंहू की बुआई हो रही है। इसलिए गेंहू की बुवाई में डीएपी व यूरिया खाद की सर्वाधिक आवश्यकता रहती है। लेकिन सरकारी आकड़ों के अनुसार चन्दौली जनपद में सवा लाख हेक्टेयर में गेंहू का खेती का लक्ष्य हैं, इसलिए किसानों को बुआई से लेकर कटाई तक 20,298 एमटी डीएपी और 48,462 एमटी यूरिया की जरूरत पड़ेगी।

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 रवि फसल के लिए जनपद में इतने एमटी डीएपी की जरूरत के सापेक्ष महज अभी तक  मात्र कुछ एमटी डीएपी खाद की आपूर्ति सहकारी समितियों को वह भी धीरे-धीरे  हो रहीं है। यह संकट हर साल रहता हैं, क्योंकि सरकार द्वारा सहकारी समितियों को निर्धारित लक्ष्य से बहुत ही कम आपूर्ति इस संकट की प्रमुख वजह है। किसानों को मजबूरन खुले बाजार से अत्यधिक मंहगी दर पर डीएपी खरीदना पड़ता है।

इस पत्र को जिलाधिकारी चन्दौली को भी प्रेषित कर प्रशासन से भी तत्काल मांग  के अनुरुप खाद की मांग की गई है। चन्दौली जिलाधिकारी भले ही मांग के अनुसार खाद उपलब्ध कराने को लेकर निर्देशित कर रहें हैं, लेकिन अभी प्रशासन को चाहिए कि तत्काल खुले बाजार में कालाबाजारी कर मंहगी दर पर डीएपी की बिक्री पर रोक लगायी जाय और किसानों को हर हाल में निर्धारित दर से ही डीएपी की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाये।

 यह तभी सम्भव है जब सरकार द्वारा भी हर सहकारी समितियों पर समय रहते मांग के सापेक्ष खाद  की उपलब्धता सुनिश्चित कराया जा सके।

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