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वनगांवा के लिए चाहिए सरकारी अस्पताल व इंटर कॉलेज, देने में फेल है डबल इंजन की सरकार : अजय राय

वनगांव चकिया विधानसभा में आने पर भी चकिया भाजपा विधायक ने विधानसभा में नहीं उठाए उनको तो चुनाव में ही इस को याद करते हैं। यह बातें उस क्षेत्र की जनता ने एक स्वर में कहा।
 

वनगांवा और आसपास के गांवों में बुनियादी सुविधाओं का अभाव

आईपीएफ नेता अजय राय ने सांसद और विधायक की निष्क्रियता पर उठाए सवाल

मोबाइल टावर की कमी से संचार व्यवस्था ठप

भीषण गर्मी में पीने के पानी की किल्लत से जूझते हैं ग्रामीण

चंदौली जिले के चकिया में नब्बे के दशक में जंगलों से चौतरफा घिरा व पहाड़ों के नीचे बसें करीब बीस गांवों में फैल रहें नक्सलवाद पर रोक लगाने के लिए भलें की कठिन आवागमन को सुगम बनाने के लिए गैर भाजपा की सरकार से लेकर व डबंल इंजन की सरकार भी रोड़ बना रहीं हैं लेकिन यहां के निवासियों की बुनियादी सुविधाएं देने में सपा - बसपा की सरकार की तरह ही डबंल इंजन की सरकार भी विफल हैं।

आपको बता दें कि छीतमपुर, डोड़नपुर, वन भिषमपुर, कौडिहार, मुसाखाड़ सहित दर्जनों गांवों के निवासियों की जरूरत हैं एक अदद् अस्पताल व इंटर कॉलेज की वह भी इंटर कालेज लड़कियों के लिए खासकर लेकिन मांग के बाद भी राबर्ट्सगंज लोकसभा से सपा सांसद का कब्जा होने पर भी आवाज न उठी।

वहीं वनगांव चकिया विधानसभा में आने पर भी चकिया भाजपा विधायक ने विधानसभा में नहीं उठाए उनको तो चुनाव में ही इस को याद करते हैं। यह बातें उस क्षेत्र की जनता ने एक स्वर में कहा। वनगांवा के लोगों को सरकारी अस्पताल, इंटर कालेज की सख्त जरूरत हैं। वहीं टावर न पकड़ने व गर्मी के दिन में पानी की समस्या भी उत्पन्न होती हैं। यह सभी मांग अगर विधानसभा में भाजपा विधायक उठाते तो हल हो सकती हैं। लेकिन सपा सांसद व भाजपा विधायक विफल हैं।   

कोढ़ में खाज की तरह टावर की सूविधा न रहने या न पकड़ने के कारण मोबाईल से जन सम्पर्क भी खत्म हो जाती हैं। करीब बारह किलोमीटर की दूरी तय करने व निजी साधन न हो और सहायता में अपनी साधन कोई न दे तो किसी गम्भीर या साधारण बिमार को चकिया रात में ईलाज के लिए लाने में काफी संकट का सामना करना पड़ता है। पढ़ाई के लिए भी लड़कियों व लड़को घंटो साइकिल चलाकर उच्च शिक्षा के लिए चकिया आना पड़ता हैं।

राबर्ट्सगंज सांसद जी से भी हम उम्मीद करते हैं विपक्ष में रहते हुए यह सवाल उठाए। भाजपा के विधायक से समस्या पर आवाज उठाने या हल कराने की हम क्या बात करें जो वनाधिकार कानून लागू होने के बाद भी नौगढ़ से वनगांवा  व चकिया अन्य हिस्सों तक के वनाधिकार कानून के दावे दाखिल करने वाले दावेदार जो पुश्तैनी से वृक्ष विहीन जंगल में बसे हैं उनको अधिकार नहीं नही दिला सके हैं।

कोल, मुसहर, खरवार सहित कई आदिवासी जातियों को आदिवासियों का दर्जा पर एक शब्द नही बोलें  हैं। यहां तक की विधानसभा में भी उक्त सवालों पर उनको आवाज उठाते नहीं सुना गया हैं। वही चंदौली चकिया के बेटे कहें जाने वाले रक्षामंत्री माननीय राजनाथसिंह जी से उम्मीद थी लेकिन सब पर पानी फिर गया। उनकी भी अपने गृह विधानसभा के लिए आवाज नहीं उठी, उन्होंने भी चुप्पी साध ली हैं !। भाजपा संगठन की राजनैतिक कार्यक्रम की भी कभी विषय नहीं बना।  ( वहां के निवासियों के अनुसार )

आईपीएफ राज्य कार्य समिति सदस्य अजय राय ने कहा कि जब माननीय राजनाथ सिंह जी निवासियों की तरफ से कीकई बार खुला मांग पत्र जारी कर किया गया हैं। उन्होंने कि अभी तक मुसाखांड़ को विस्थापन किए किसानों को जमीन नहीं मिली हैं धान - गेहूं खरीद करने के लिए सरकारी क्रय-विक्रय केन्द्र भी शोपीस रहते हैं। हां ज़रूर भाजपा सरकार ने काम किया हैं कि बिहार के वार्डर तक देशी शराब की दूकान जरूर खुलवा दिया है। जिससे बिहार में खुलेआम शराब की तस्करी होती है।  कई बार जिसकी स्थानीय महिलाओं व समाजसेवियों के विरोध पर हटाये जाने की मांग उठाई हैं। इसलिए क्या इस बार वनगांवा के निवासियों की अदद् जरूरी अस्पताल व इंटर कॉलेज  के लिए भाजपा विधायक विधानसभा में मांग करेंगे और सपा सांसद छोटे लाल खरवार से मांग करते हैं की क्षेत्र की जनता वनगांवा के लिए लोकसभा में मांग उठाए।

भाजपा से उम्मीद हम क्या करें क्योंकि वह सैद्धांतिक तौर पर सरकारी अस्पताल बनाने के पक्षधर व शिक्षा क्षेत्र को विकसित करने में विश्वास नहीं रखते हैं। इसका असर पेश बजट में दिखलाई दिया हैं। एआईपीएफ की तरफ़ से मांग  करते हैं कि इस जरूरी मुद्दे पर जनप्रतिनिधि तरजीह देंगे। अभी तक वनगांवा में पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष छत्रबली सिंह के पहल पर वर्तमान  जिला पंचायत अध्यक्ष व सदस्य ने कुछ काम कराए हैं। आईपीएफ इस मुद्दे को आगे बढ़ाने के लिए मांग पत्र पर हस्ताक्षर कराकर सपा सांसद व भाजपा विधायक को भेजेगा।

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