नए कानून के खिलाफ चालकों की हड़ताल जायज, अजय राय ने की संशोधन की मांग
नव वर्ष पर हड़ताल जनता को हुई परेशानी
इसके लिए मोदी सरकार जिम्मेदार
चालक विरोधी कानून को वापस लेने की मांग
अजय राय ने यह दलील
नववर्ष के पहले दिन चालकों की हड़ताल के कारण नागरिकों को हुई दिक्कत के लिए आईपीएफ ने केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। प्रेस को जारी बयान में अजय राय ने कहा कि जिस तरह से मोदी सरकार ने संसद में विपक्ष को बेदखल कर और बिना विधिक संस्थाओं से राय लिए देश के ऊपर भारतीय न्याय संहिता, भारतीय साक्ष्य अधिनियम और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता को तानाशाही के साथ थोपा है। उसी का परिणाम चालकों में पैदा हुआ यह गुस्सा है।
भारतीय न्याय संहिता की धारा 106 में दुर्घटना का वर्गीकरण भी नहीं किया गया है। ड्राइवर की लापरवाही या गलती की प्रकृति भी नहीं निर्धारित की गई है। ऐसे में हर दुर्घटना में ड्राइवर को 10 साल की सजा हो जाएगी। जिसे बेहद कम वेतन पर काम करने वाले ड्राइवरों के लिए काम करना ही मुश्किल हो गया है। इसलिए केंद्र सरकार को भारतीय न्याय संहिता की धारा 106 (2) में संशोधन कर चालकों की मांग को पूरा करना चाहिए।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को इन नई बनाई गई संहिताओं को देश के ऊपर थोपने से पहले इस पर लॉ कमीशन जैसे विधिक संस्थानों से राय लेकर ही इसे लागू करना चाहिए।
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