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गोपाष्टमी के दिन करें दिखावा, जानवरों के लिए भरपेट चारे की कराएं व्यवस्था

चंदौली जिले में गोपाष्टमी दिन जगह-जगह गाय की पूजा  होने की खबर आती रही, लेकिन लेकिन जिले के गोवंश केन्द्र पर जब भी बजट बढ़ाने की बात होती हैं तो यह सरकार मौन हो जाती है।
 
 

 योगी सरकार गो संरक्षण केन्द्र पर बजट बढ़ाने की मांग

अजय राय ने नेताओं से की अपील

बोले-  भूख व बिमारी से अक्सर हो जाती है गोवंशों की मौत 

 

चंदौली जिले में गोपाष्टमी दिन जगह-जगह गाय की पूजा  होने की खबर आती रही, लेकिन लेकिन जिले के गोवंश केन्द्र पर जब भी बजट बढ़ाने की बात होती हैं तो यह सरकार मौन हो जाती है। पीजा करने वाले भी इस गंभीर मुद्दे पर ध्यान नहीं देते हैं। नतीजा यह हैं गोवंश की रक्षा व सुरक्षा दोनों खतरे में हैं और हर गौवंश केन्द्र पर पशुओं की मौत भूख व बिमारी से हो रहीं हैं। 


रविवार को चकिया में गोपाष्टमी दिन नगर पंचायत की देखरेख में ब्लॉक मुख्यालय के गोवंश केन्द्र पर जाकर व दूरभाष के द्वारा चकिया व नौगढ़ के तमाम गौवंश केन्द्र पर पशुओं की देखभाल व उनको दिए जा रहें चारें (भोजन) की जानकारी लेने के बाद एआईपीएफ राज्य कार्य समिति  अजय राय ने कहा कि सरकारी सुविधा अपर्याप्त है। इसे बढ़ाने के बाद ही सरकार की मंशा सफल हो सकती है।

ajay rai on gopashtami gaushala
उन्होंने कहा कि गोवंश केन्द्र का अभी हाल बेहाल है। पशुओं की मौत संतुलित चारे व सही इलाज के अभाव में रोजाना हो रहा है। ज्यादातर आवारा व तश्करी में पकड़े गए पशु इन गोवंश केन्द्र पर रखे गये हैं। इसलिए खुब तंदुरुस्त थे, लेकिन सरकार द्वारा दिया जा रहा पचास रूपये प्रति जानवर की खुराक से इनको कोई संतुलित आहार नहीं मिल पा रहा है। सूखी भूसी खाकर इनका शरीर जर्जर हो गया है। हरा चारा  तो कभी-कभी मिलता है और भरपूर मात्रा में खाना तो जब अधिकारियों का देखकर की जानकारी करने के लिए दौरा होता है।


बीमारियों के इलाज करने में भी कोताही बरती जा रही है। इसलिए रोजाना हर गोवंश केन्द्र पर पशुओं की मौत हो रही है। गौवंश की सुरक्षा के लिए कानून बनाने, रक्षा की कसमें खाने से जमीनी हकीकत नहीं बदल जाती है। गौशाला की तस्वीर व पशुओं की हालत देखकर हर कोई सिहर जायेगा रोजाना भूख कहें या बीमारी लेकिन हर गोवंश केन्द्र पर पशुओं की मौत हो रहीं है और अधमरे हालत में कौआ से लेकर कुत्ते तक तक शरीर को नोंचने लगते हैं। यह भी कई बार देखदे को मिला है।


 बदहाली के लिए नगर पंचायत चकिया सहित वह विभाग जिनको इन पशुओं की देखभाल की जबाबदेही मिली हैं बह लोग बजट अभाव का रोना रोने लग रहें  हैं। इन गौवंश केन्द्र में गौवंश तिल -तिल कर मर रहे हैं। इससे न सरकार का दिल पसीज रहा हैं और न पशु प्रेमियों का।

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 इसलिए आज इन गोवंश की दुर्दशा व बजट बढ़ाने को लेकर वही आदर्श नगर पंचायत चकिया सहित उन गोवंश केन्द्र की जबाबदेही में लगे लोगों को जिम्मेदार मानते हुए उनपर कार्यवाही करने हेतु मुख्यमंत्री जी को भी पत्र  लिखा गया है। चारा की व्यवस्था तो टेंडर के जरिए हो रही है, जबकि जिले में कान्हा गौशाला  भी बनी हैं और ग्राम पंचायत में अस्थाई रूप  से गोवंश रखने के लिए मनरेगा से गौशाला बनी है। वहां भी यही हाल है। इसलिए गोपाष्टमी के दिन गोवंश को दीया और अगरबत्ती दिखाकर आदर देने वाले नेता लोग गायों को भरपेट भोजन देने की भी मांग सरकार से जरूर करें।

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