जिले का पहला ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टलMovie prime

देश में फेल हो गयी प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना, अजय राय ने दागा सवाल

2 अक्टूबर 2016 को 12,000 करोड़ रूपए के बजट से चार वर्ष में एक करोड़ युवाओं को स्किल डेवलपमेंट का लक्ष्य लेकर उन्हें रोजगार देने की यह योजना बुरी तरह फ्लाप हुई है।
 

चंदौली में कौशल विकास योजना के तहत किसको मिला रोजगार

जरा आंकड़े पेश करें मंत्री व अधिकारी

आईपीएफ नेता अजय राय ने चंदौली सांसद व मंत्री पर दागा सवाल  

चंदौली लोकसभा चुनाव में क्या यह सवाल नहीं उठना चाहिए कि 2014  से अब तक कई मंत्रालय संभाल रहें मंत्री जी युवाओं को जो बहुचर्चित प्रधानमंत्री जी की  प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना पूर्णतया विफल  क्यों साबित हुई है।

उक्त बातें उठाते हुए  आईपीएफ राज्य कार्य समिति सदस्य  अजय राय ने  कहा कि प्रधानमंत्री की यह महत्वाकांक्षी परियोजना 2014 में एनडीए सरकार द्वारा शुरू किया गया था। 2 अक्टूबर 2016 को 12,000 करोड़ रूपए के बजट से चार वर्ष में एक करोड़ युवाओं को स्किल डेवलपमेंट का लक्ष्य लेकर उन्हें रोजगार देने की यह योजना बुरी तरह फ्लाप हुई है।

हाल में जारी आंकड़ों के अनुसार 2 अक्टूबर से 16 मार्च 2017 तक इस योजना के लिए एनएसडीसी को 2885 करोड़ धनराशि ट्रांसफर की गई और 30.67 लाख युवाओं को ट्रेंड किया गया, लेकिन प्लेसमेंट सिर्फ 2.90 लाख युवाओं को मिला, वह भी बेहद कम मजदूरी पर मिला था।

Ajay rai

दरअसल इस योजना को फेल होना ही था। आप खुद मानव संसाधन विकास मंत्रालय के आंकड़े पर गौर करें, जिसके अनुसार देश भर में 6214 इंजीनियरिंग कालेजों में 29 लाख इंजीनियरिंग छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। लगभग हर साल लगभग 7 लाख इंजीनियरिंग ग्रेजुएट बन रहे हैं। डिप्लोमा इंजीनियर्स की संख्या इससे कहीं ज्यादा ही होगी और अगर इसमें आईटीआई कोर्स को भी जोड़ लें, तो तो यह संख्या कम से कम 25 लाख से कम नहीं होगी। इसका मतलब है कि इतनी संख्या प्रति वर्ष पहले से ही हर तैयार हो रही है जोकि स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम से कहीं ज्यादा स्किल हैं और बीटेक डिग्री धारी युवाओं को भी दिल्ली, बंगलौर जैसे महानगरों में 10-15 हजार रुपए सैलरी पर 12 घण्टे तक काम लिया जाता है, तब आपके नये हुनरमंद को कौन पूंछता।

अजय राय ने कहा कि बेरोजगारी को दूर करने के लिए ठोस कार्ययोजना बनाने के बजाय हवा-हवाई बाते ज्यादा की गई। दरअसल बेरोजगारी दूर करने के लिए यह जरूरी होता कि कारपोरेट वित्तीय पूंजी को दी जा रही खुली छूट पर रोक लगाई जाती, लघु-कुटीर उद्योगों का संरक्षण होता और खेती-बाड़ी पर निवेश बढ़ा कर किसानों के हितों की रक्षा की जाती लेकिन सारी योजनायें बड़ी पूंजी के हित में संचालित की गईं जिसका नतीजा बेरोजगारी संकट के बतौर है। उ0प्र0 में भी योगी सरकार मोदी जी की ही तरह  हर बार बयानबाजी कर रही है कि 5 साल में 70 लाख रोजगार पैदा करेंगे, हालांकि हर साल में  रोजगार पैदा होने के बजाय खत्म ही हुए है और चयन का सारा कामकाज जानबूझ कर बाधित है।  युवा इस चुनाव में सवाल उठा रहें और तो और यह सब आंकड़े इनके मानव संसाधन विकास मंत्रालय में मंत्री रहते समय का हैं इसलिए चंदौली के युवाओं को जबाव देना चाहिए !
उन्होंने कहा कि चंदौली सांसद जी 2014 में मानव संसाधन विकास मंत्रालय व 2019 में भारी उघोग मंत्रालय लिए थे।  प्रधानमंत्री जी की महात्वाकांक्षी योजना फेल क्यों हुई और चंदौली के जो लोग इस योजना के तहत रोजगार की उम्मीद लगाए थे उनको क्या मिला वहीं इस योजना में अपनी जमापूंजी लगा दिए थे उनकी नुकसान का कौन जबावदेह होगा।

चंदौली जिले की खबरों को सबसे पहले पढ़ने और जानने के लिए चंदौली समाचार के टेलीग्राम से जुड़े।*