भाजपा राज में आदिवासी हो रहे हैं बदहाल, यही हैं लाभार्थी योजना का हाल
अजय राय ने उठाए भाजपा पर सवाल
चंदौली जनपद में कई गांवों को राजस्व गांव का दर्जा नहीं
दर्जा न मिलने से बुनियादी सुविधाएं से हैं वंचित हैं आदिवासी
इतना ही नहीं हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी आदिवासियों, वनवासियों को वनाधिकार कानून के तहत कोई भी एक इंच जमीन का मालिकाना हक नहीं मिला हैं, जो उनका अधिकार बनता है।
उन्होंने कहा कि आज नौगढ़ व वनगांवा में गरीबी, बेरोजगारी , बीमारी , अशिक्षा और खाने के अभाव में यह लोग जूझ रहे हैं। वही वहां के लोगों द्वारा पैदा किए टमाटर और मिर्च को उचित मूल्य नहीं मिल पाता है। नौगढ़ के सोनवार ,भरदुआ ,मझगांवा सहित कई गांवों के किसानों को मिर्ची व टमाटर की तोड़ाई की मजदूरी तक नहीं मिलती है। वहीं हाल वनगांवा के किसानों का है, जबकि वहां के उक्त फसलों को उचित मूल्य मिले इसलिए नौगढ़ में मिर्च की आचार व टमाटर की चटनी बनाने के लिए कुटीर उद्योग लगाने के लिए सरकार व खासकर चंदौली के बेटे के रूप में कुछ लोगों के बीच प्रचलित माननीय राजनाथसिंह जी से मांग किया जा चुका है, लेकिन कुछ नहीं हुआ है।
वनगांवा के इलाकों में इलाज के लिए एक सरकारी हास्पिटल तक नहीं है, जिसके कारण अगर देर रात किसी भी गर्भवती महिलाओं को भी चकिया लाना पड़ता हैं। इसके अलावा नौगढ़ का सरकारी अस्पताल रेफरल अस्पताल बन गया है।
चकिया व नौगढ़ के सरकारी जनप्रतिनिधियों द्वारा लम्बी लम्बी बातें करते हुए रोडवेज बस सुविधा उपलब्ध कराई जाने व चकिया रोडवेज बस स्टैंड की कायाकल्प करने की योजनाएं भी अखबार में केवल सुर्खियों बटोरने का काम हुआ, आज भी हालत जस की तस है। जल मिशन योजना के तहत शुद्ध जल नौगढ़ के गांव में निवासियों को उपलब्ध कराने की योजना अभी पूरी नहीं हुई हैं। वहीं गर्मी की शुरुआत में ही जल संकट से जमसोती , भैसोड़ा ,भरदुआ सहित कई गांवों के निवासी जूझ रहे हैं।
नौगढ़ क्षेत्र आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र हैं और बहुत पिछड़ा क्षेत्र हैं और इस क्षेत्र के निवासियों को पीने का सुरक्षित पानी तक उपलब्ध नही हैं और यहां के आदिवासियों व वनवासियों के साथ दलितों को गंदे कुएं और चुआड़ का गंदा पानी पीने के लिए विवश हैं। आज भी बहुत से गोड़ जाति को व कागज धांगर जाति की धनगड़ होने के कारण अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र नहीं बन रहा हैं।
विशेषरपुर के गोंड तहसील का चक्कर लगा रहें हैं। मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत मुसहरों के लिए आए आवास का लाभ नहीं मिल पाया, क्योंकि नौगढ़ झुमरिया ,जरहर से लेकर चकिया के वनगांवा के कई गांवों में आवास शौचालय , सड़क नहीं बन पाया, क्योंकि जंहा वह बसे हैं वह गांव राजस्व गांव नहीं घोषित है।
आईपीएफ की हाईकोर्ट में जनहित याचिका 2017से दाखिल होने के बावजूद भी करीब14000 खारिज दावेदार की दावा दाखिल की पुनः सुनवाई नहीं हो रही है। ये लोग बेदखली का दंश झेल रहे हैं। जमीन न रहने से स्वच्छता अभियान के तहत शौचालय , गांव में सामुदायिक शौचालय , आवास उनको नहीं मिल पा रहा हैं।
चकिया नगर पंचायत में बने प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना वार्ड नं दो के निवासियों को तिसरी इसलिए नहीं मिल पा रही हैं, क्योंकि वन की जमीन पर बसे जबकि सच्चाई है कि पूर्व काशी नरेश के समय से ही वहां के निवासी बसे हैं, लेकिन राबर्ट्सगंज लोकसभा के जनप्रतिनिधियों व विधानसभा के जनप्रतिनिधियों को इन सारे सवालों से कोई मतलब नही हैं।
यहीं सभी समस्या को नजर अंदाज कर भाजपा लाभार्थी योजना का जनजागरण कर रहे हैं। आईपीएफ भाजपा जनप्रतिनिधियों के समक्ष यह सभी सवालों को उठाते हुए जनता को यूपी ऐजेण्डा के तहत रोजी रोजगार , शिक्षा स्वास्थ्य का सवाल को उठा रही है। वहीं उच्च शिक्षा के लिए स्थापित सावित्रीबाई फुले महाविद्यालय में सांइस व कामर्स की शिक्षा के लिए मांग कर रही हैं।
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