बाल विवाह से मुक्ति के लिए चलाया गया जागरूकता अभियान, स्थानीय प्रबुद्धों ने लिया संकल्प
मृत्युंजय पांडेय महिला महाविद्यालय बरहुआ में आयोजन
जिला प्रोबेशन अधिकारी प्रभात कुमार ने दी जानकारी
शिक्षिका रीता पांडेय ने भी इस सामाजिक बुराई के बताए नुकसान
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला प्रोबेशन अधिकारी प्रभात कुमार ने कहा कि कि बाल विवाह न केवल एक पुरानी सामाजिक बुराई है, बल्कि यह एक जघन्य अपराध भी है। जो बच्चों से उनका बचपन छीन लेता है।
जिला प्रोवेशन अधिकारी ने कहा किबाल विवाह बुनियादी मानवाधिकार का उल्लंघन करता है। इसके लिए सभी ग्राम प्रधान व समाजसेवी संस्था को आगे आने की जरूरत है।
राज्य पुरस्कार से सम्मानित शिक्षिका रीता पांडेय ने कहा कि मानसिक आघात, शारीरिक और जैविक तनाव, शिक्षा तक सीमित पहुंच सहित घरेलू हिंसा तथा घरेलू हिंसा के प्रति बढ़ती संवेदनशीलता का जीवन जीना पड़ता है। यह सब चीजें हमारे समाज के लिए विष के समान है, यह पूर्ण रूपेण खत्म होनी चाहिए।
वृक्ष बंधु परशुराम सिंह ने कहा कि बाल विवाह के परिणाम गंभीर और व्यापक हैं। इससे पहले गर्भधारण में जटिलता मातृ और शिशुओं मृत्यु दर में वृद्धि, दोनों में कुपोषण, प्रजनन स्वास्थ्य के प्रति बढ़ती संवेदनशीलता, शिक्षा में व्यवधान, व्यक्तिगत और व्यवसायिक विकास के अवसरों में कमी होती है। कहा कि बाल विवाह के कारण घरेलू हिंसा, दुर्व्यवहार, घर में निर्णय लेने की सीमित शक्ति तथा मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं आती है। वैश्विक स्तर पर बाल विवाह को एक अपराध और एक खतरे के रूप में पहचाना जाता है। जिसे समाप्त करने की आवश्यकता है।
महाविद्यालय के प्रबंधक चंद्रशेखर पांडेय ने कहा कि बाल विवाह, जबरन विवाह एवं महिला जननांग विकृति जैसी सभी हानिकारक प्रथाओं को समाप्त करने की बात जरुरी है ।कार्यक्रम के पूर्व विद्यालय के छात्रों ने स्वागत गीत व बाल विवाह पर एकांकी प्रस्तुत किया।
इस दौरान जिला पंचायत सदस्य प्रतिनिधि दशरथ सोनकर,अजय राय, गणेश विश्वकर्मा, मुस्ताक अहमद, शहनाज बानो, मुकेश, अरविंद चौबे, विनोद सिंह, अध्यक्षता मृत्युंजय पांडेय चिल्ड्रेन्स एकेडमी की प्रधानाचार्य अणीमा पांडेय व संचालन कार्यक्रम के संयोजक डॉ भावुजा शरण लाल ने किया।
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