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बाल विवाह एवं बाल श्रम मुक्त सामाजिक कुरीति है इसके खत्म करने के लिए हुई बैठक

शहाबगंज विकासखंड अंतर्गत मगरौर गांव स्थित पंचायत भवन पर बाल विवाह मुक्त और बाल श्रम मुक्त बनाने के लिए पी आर आई सदस्य ,धर्मगुरुओं, सामाजिक, राजनैतिक, प्रभावशाली लोगों के साथ बैठक आयोजित हुआ।
 

चंदौली जिला के शहाबगंज विकासखंड अंतर्गत मगरौर गांव स्थित पंचायत भवन पर बाल विवाह मुक्त और बाल श्रम मुक्त बनाने के लिए पी आर आई सदस्य ,धर्मगुरुओं, सामाजिक, राजनैतिक, प्रभावशाली लोगों के साथ बैठक आयोजित हुआ। ठाकुर बागी के पुजारी कैलाश ने कहा कि बाल विवाह व बाल श्रम एक सामाजिक कुरीति है इसको खत्म करने के लिए समाज के बुद्धजीवीयों, जन प्रतिनिधियों को आगे आना पड़ेगा। 

पुजारी कैलाश ने कहा कि ग्राम पंचायत विकास योजना में बच्चों के विकास से संबंधित योजनाओं को जरूर शामिल करें जिससे बच्चों की सुरक्षा ग्राम स्तर पर साधन संसाधन के साथ हो सके। और आंगनबाड़ी, स्कूल, शौचालय, खेल का मैदान, लाइब्रेरी इत्यादि का निर्माण कराया जा सके। किशोर न्याय बोर्ड के पूर्व अधिवक्ता नरेंद्र सिंह ने बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के कानूनी पक्षों को बताते हुए कहा कि किसी शादी में जाने से पहले ध्यान देना है कि होने वाले वर वधू बालिक है तभी जाए नहीं तो कानून के शिकंजे में फंस सकते है। इसके साथ बाल श्रम अधिनियम 1986, पास्को एक्ट इत्यादि के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।

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 मोहम्मद इरफ़ान ने यह अपील किया कि किसी नाबालिक बच्चों का निकाह न करे और शादी विवाह में किसी बच्चे से बाल श्रम न कराए। और अपने यहां कोई अनुष्ठान या कार्यक्रम करा रहे है तो टेंट, हलुआई, बैंड बाजा, वाले को कठोर निर्देश दे की 18 वर्ष के नीचे कोई बच्चा काम न करे। उपस्थित लोगों ने बाल विवाह को समाप्त करने के लिए शपथ भी लिया।

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 इस दौरान सियाराम, शंभू नाथ यादव , अनूप मिश्रा, राधे कृष्ण सिंह, मनोज कुमार, जितेंद्र  , संजू, प्रीति, निर्मला, अशोक कुमार, शिवम, देवेंद्र, गुलाब, गणेश प्रसाद विश्वकर्मा ,मुकेश साहित्य दर्जनों को उपस्थित थे ।

 

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