डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने अर्पित की पुष्पांजलि

चकिया नगर के एक निजी लॉन में आयोजन
डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी को जयंती पर किया याद
चकिया चेयरमैन गौरव श्रीवास्तव ने भी रखी अपनी बात
चंदौली जिले की चकिया नगर के एक निजी लॉन में रविवार को मंडल अध्यक्ष संदीप गुप्ता के नेतृत्व में भाजपा कार्यकर्ताओं ने डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती हर्षोल्लास के साथ मनायी। इस मौके पर पंडित दीनदयाल उपाध्याय व श्यामा प्रसाद मुखर्जी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करके कार्यक्रम की शुरुआत की गई।

मुख्य अतिथि जिला महामंत्री ने कहा कि डॉ. मुखर्जी भारत की अखंडता और कश्मीर के विलय के दृढ़ समर्थक थे। उन्होंने अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को भारत के बाल्कनीकरण की संज्ञा दी थी। अनुच्छेद 370 के राष्ट्रघातक प्रावधानों को हटाने के लिए भारतीय जनसंघ ने हिन्दू महासभा और रामराज्य परिषद के साथ सत्याग्रह आरंभ किया। डॉ. मुखर्जी 11 मई 1953 को कश्मीर में परमिट सिस्टम का विरोध किया

विशिष्ट अतिथि चकिया चेयरमैन गौरव श्रीवास्तव ने बताया श्यामा प्रसाद मुख्रर्जी ने अपने ज्ञान और विचारों से तथा तात्कालिक परिदृश्य की ज्वलंत परिस्थितियों का इतना सटीक विश्लेषण किया कि समाज के हर वर्ग और तबके के बुद्धिजीवियों को उनकी बुद्धि का कायल होना पड़ा। अपनी कुशाग्र बुद्धिमत्ता का परिचय देते हुए मात्र 33 वर्ष की अल्पायु में उन्होंने कोलकाता विश्वविद्यालय के कुलपति का पदभार संभालने की जिम्मेदारी उठाई।
इस मौके पर मंडल अध्यक्ष संदीप गुप्ता आशु ने कहा कि श्यामाप्रसाद मुखर्जी ने स्वेच्छा से देशप्रेम और राष्ट्रप्रेम का अलख जगाने के उद्देश्य से राजनीति में प्रवेश किया। उन्होनें कहा कि डॉ मुखर्जी ने संसद में सदैव राष्ट्रीय एकता की स्थापना को ही अपना प्रथम लक्ष्य रखा. संसद में दिए अपने भाषण में उन्होंने पुरजोर शब्दों में कहा था कि राष्ट्रीय एकता के धरातल पर ही सुनहरे भविष्य की नींव रखी जा सकती है। उन्होनें कहा कि वे भारत के लिए शहीद हो गए और भारत ने एक ऐसा व्यक्तित्व खो दिया जो राजनीति को एक नई दिशा दे सकता था. डॉ. मुखर्जी इस धारणा के प्रबल समर्थक थे कि सांस्कृतिक दृष्टि से हम सब एक हैं, इसलिए धर्म के आधार पर किसी भी तरह के विभाजन के वे सख्त खिलाफ थे।
कार्यक्रम में पूर्व जिला पंचायत सदस्य व भाजपा नेता डॉ प्रदीप मौर्या के भाई संतोष मौर्य की गोली लगकर हत्या हो जाने के कारण 2 मिनट का मौन रखकर मृतात्मा की शांति के लिए प्रार्थना भी की गई।
इस दौरान पूर्व मंडल अध्यक्ष राघवेंद्र प्रताप, रामदुलारे गोंड, चंद्रकला पटेल, शुभम मोदनवाल, विजय विश्वकर्मा, सारांश केसरी, ज्योति गुप्ता, राजेश चौहान, रिंकू सोनकर, सारांश केसरी ,आशीष पाठक, सभासद केसरी नंदन, रवि गुप्ता, बदल सोनकर, सुरेश सोनकर, राजन पासवान, दिनेश कसौधन, प्यारे सोनकर, राहुल सोनकर, शिवरतन गुप्ता ,प्रभाकर पटेल, निखिल सिंह, उमेश गुप्ता, सुशील पांडे मौजूद रहे।
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